खालिदा जिया की मौत पर मोदी ने जताया शोक, जनाजे में शामिल होंगे जयशंकर; बांग्लादेश भारत के लिए अहम क्यों?
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ...और पढ़ें

आगामी चुनाव में बीएनपी की जीत पर भी लगभग मुहर (फाइल फोटो)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। 2025बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन खालिदा जिया का मंगलवार सुबह 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबी बीमारी से जूझ रही जिया की मौत से राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे बांग्लादेश में जहां शोक की लहर दौड़ गई वहीं सहानुभूति के कारण आगामी चुनाव में बीएनपी की जीत पर भी लगभग मुहर लग गई है।
बहरहाल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है, जबकि भारत सरकार ने फैसला किया गया है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को ढाका में उनके अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए रवाना होंगे। दोनों देशों के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए इन कदमों को महत्वपूर्ण राजनयिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
2026 में होंगे आम चुनाव
जानकारों का भी कहना है कि भारत ने फरवरी, 2026 में बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव और स्वर्गीय जिया की राजनीतिक पार्टी बीएनपी की उसमें अग्रणी भूमिका को देखते हुए विदेश मंत्री जयशंकर को उनके अंतिम संस्कार में भेज कर सही कदम उठाया है।खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और वह इस पद पर तीन बार रही है।
अगस्त, 2024 में जब एक छात्र आंदोलन के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किया गया और वहां प्रोफेसर मोहम्मद युनूस की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार बनी तब उन्हें जेल से आजाद किया गया। 30 दिसंबर, 2025 को बीएनपी की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि उन्होंने सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली। जिया की मौत पर विश्व नेताओं से शोक संदेश आने शुरू हो गए हैं, जिसमें भारत के पीएम मोदी का संदेश प्रमुख है।
पीएम मोदी ने लिखा पोस्ट
मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन की खबर से गहरा दुख हुआ। उनके परिवार तथा बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनके परिवार को इस दुखद क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में बांग्लादेश के विकास तथा भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को सदैव याद किया जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई सौहार्दपूर्ण मुलाकात की याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी दृष्टि एवं विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी मार्गदर्शन करती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'
मोदी ने 2015 में जिया के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं, जो दोनों देशों के बीच पुराने संबंधों को रेखांकित करती हैं। इसके कुछ ही देर बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि, “विदेश मंत्री एस जयशंकर बेगम खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में सरकार व भारत की जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे। वह 31 दिसंबर, 2025 को ढाका की यात्रा करेंगे।'' जयशंकर संभवत: कुछ ही घंटों के लिए ढाका जाएंगे। भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल और भूटान जैसे दक्षिण एशियाई देशों ने अपने विदेश मंत्रियों को खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए भेजने का फैसला किया है।
तारिक रहमान लौटे ढाका
यह बताता है कि सत्ता से लंबे अरसे तक बाहर रहने के बावजूद बीएनपी नेत्री का इस पूरे क्षेत्र में महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। बांग्लादेश में चुनाव की तैयारियां चल रही हैं और आम तौर पर माना जा रहा है कि बीएनपी को इसमें बढ़त ले सकती है। खालिदा जिया के पुत्र तारिक रहमान 17 वर्षों बाद पिछले हफ्ते ढाका लौटे हैं और उनके नेतृत्व में ही बीएनबी आम चुनाव में हिस्सा लेने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर का दौरा बांग्लादेश की राजनीतिक वास्तविकता के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश है। पूर्व राजनयिकों का कहना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच संवाद बहाल करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।
बीएनपी नेता की मौत और उसके बाद जयशंकर का ढाका का दौरा उस समय हो रहा है जब भारत और बांग्लादेश के संबंध काफी तनावपूर्ण हैं। हाल के महीनों में बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है, जिसमें अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले और छात्र नेता शरीफ ओस्मान हादी की हत्या जैसे घटनाक्रम शामिल हैं। इन घटनाओं ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को प्रभावित किया है।
इस बारे में भारत और बांग्लादेश के बीच अविश्वास की खाई और चौड़ी हुई है। हादी की हत्या के बाद कई छात्र नेताओं ने भारत पर अनर्गल आरोप लगाये हैं। जबकि हिंदुओं पर हो रहे हमले के मामले में भारत ने इन हमलों में हिंदू मंदिरों और संपत्तियों को निशाना बनाया गया, जिस पर भारत ने कड़ी चिंता जताई है। खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को ढाका में उनके पति की कब्र के पास किया जाएगा।

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