जाति जनगणना कराएगी केंद्र सरकार, मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
Caste Census जाति जनगणना पर मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जातियों की गणना जनगणना में होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जातियों का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए किया है। दरअसल जातिगत जनगणना का मतलब है जब देश में जनगणना की जाए तो इस दौरान लोगों से उनकी जाति भी पूछी जाए।

एएनआई, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का फैसला किया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि जातियों की गणना जनगणना (Caste Census In India) में होगी। सरकार ने जानकारी दी कि अगली जनगणना में जातियों की भी गणना होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट मीटिंग हुई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा जातियों का इस्तेमाल वोट बैंक के लिए किया है। बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार सरकार से देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं।
जाति जनगणना को लेकर सरकार ने विपक्ष पर साधा निशाना
राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है। इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया। यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।"
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। जबकि कुछ राज्यों ने यह अच्छा किया है, कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
On caste census included with national census, Union Minister Ashiwini Vaishnaw says, "Congress govts have always opposed the caste census. In 2010, the late Dr Manmohan Singh said that the matter of caste census should be considered in the Cabinet. A group of ministers was… pic.twitter.com/xTzQeVYNYV
— ANI (@ANI) April 30, 2025
CCPA ने लिया जाति जनगणना कराने का फैसला
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी यानी CCPA ने जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है। CCPA को 'सुपर कैबिनेट' भी कहा जाता है। इसमें केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रमुख मिनिस्टर्स शामिल होते हैं। CCPA के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जैसे मंत्री भी सीसीपीए में शामिल हैं।
जातिगत जनगणना क्या है? (What is caste census?)
दरअसल, जातिगत जनगणना का मतलब है जब देश में जनगणना की जाए तो इस दौरान लोगों से उनकी जाति भी पूछी जाए। सीधे शब्दों में कहें तो जाति के आधार पर लोगों की गणना करना ही जातीय जनगणना है। राज्य की बात करें तो बिहार में जातिगत जनगणना कराई गई है।
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