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    Cabinet Meeting: बैटरी स्टोरेज बनाने वाली कंपनियों को 3700 करोड़ की मदद का एलान, कैबिनेट का फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 06 Sep 2023 09:18 PM (IST)

    पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश में बैटरी स्टोरेज क्षमता स्थापित करने के लिए 3760 करोड़ रुपये की योजना का एलान किया गया है। इस राशि से देश में तकरीबन 4000 मेगावाट क्षमता की बैटरी लगाने का उम्मीद है। कंपनियों की तरफ से इस क्षमता को लगाने में जितना निवेश किया जाएगा उसमें से 40 फीसद हिस्सा केंद्र की तरफ से दी जाएगी।

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    सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की दी जानकारी। (फोटो एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में बैटरी इनर्जी स्टोरेज सिस्टम पर काफी काम हो रहा है। अब भारत सरकार ने भी इस प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के लिए सब्सिडी का एलान किया है।

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    केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया फैसला

    पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश में बैटरी स्टोरेज क्षमता स्थापित करने के लिए 3760 करोड़ रुपये की योजना का एलान किया गया है। इस राशि से देश में तकरीबन 4000 मेगावाट क्षमता की बैटरी लगाने का उम्मीद है। कंपनियों की तरफ से इस क्षमता को लगाने में जितना निवेश किया जाएगा उसमें से 40 फीसद हिस्सा केंद्र की तरफ से दी जाएगी।

    बैटरी स्टोरेज क्षमता पर किया जाएगा 9500 करोड़ रुपये का निवेश

    यह जानकारी सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी और कहा कि सरकार की मदद के हिसाब से शुरूआत में बैटरी स्टोरेज क्षमता पर कुल 9500 करोड़ रुपये की निवेश की जा सकेगी। बैटरी स्टोरेज क्षमता के निर्माण पर जोर देना इसलिए भी जरूरी है कि भारत वर्ष 2030 तक अपनी कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50 फीसद रिनीवेबल सेक्टर से स्थापित करना चाहता है। इसमें एक बड़ा हिस्सा पवन और सौर ऊर्जा का होगा।

    71 हजार मेगावाट है सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापित क्षमता

    उन्होंने कहा कि अभी देश में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापित क्षमता 71 हजार मेगावाट है और पवन ऊर्जा संयंत्रों की क्षमता 40 हजार मेगावाट है। लेकिन इन दोनो ऊर्जा संयंत्रों की अपनी क्षमताएं हैं। जैसे सौर ऊर्जा बारिश में या रात्रि पहर में काम नहीं कर सकता है। इसलिए देश में विशाल बैटरी क्षमता स्थापित करनी होगी जहां इन संयंत्रों से उत्पादित बिजली को संरक्षित किया जा सके और पीक आवर में या जरूरत पड़ने पर उनका इस्तेमाल किया जा सके। वैसे बिजली क्षेत्र में बैटरी स्टोरेज क्षमता से जुड़ी तकनीकी काफी सीमित है और कई देशों मे इस पर भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है।

    अनुराग ठाकुर बोले- ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा

    ठाकुर ने कहा कि, भारत जिस तेजी से पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा है उसको देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि बैटरी इनर्जी स्टोरेज क्षमता हो। सरकार की तरफ से फंडिंग की व्यवस्था होने से कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम होगा और आम जनता को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध होगी। सब्सिडी देने के लिए सरकार की तरफ से बैटरी इनर्जी स्टोरेज सिस्टम के तहत बिजली स्टोरेज करने की लागत 5.50 से 6.50 रुपये प्रति किलोवाट प्रति हावर का लक्ष्य रखा गया है। यह क्षमता 2030-31 तक लगाई जानी है।

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