जानें, कितने फीसद लोग करते हैं अंतरजातीय विवाह और कहां होता है सबसे ज्यादा
ईसाई बहुल क्षेत्र मिजोरम अंतरजातीय विवाह के मामले में सबसे आगे है। जहां भारत की कुल आबादी के सिर्फ पांच फीसद लोग इसमें विश्वास करते हैं। वहीं मिजोरम के आधे से ज्यादा लोगों की यही पसंद है।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। भारत के ज्यादातर लोग अंतर-जातीय विवाह में विश्वास नहीं करते। लेकिन भारत में एक ऐसा भी प्रदेश है जहां के आधे से ज्यादा लोग अंतर-जातीय विवाह को पसंद करते हैं। एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि उत्तर-पूर्व के लोग इस मामले में भारत के अन्य प्रदेशों से काफी आगे हैं।
सबसे आगे मिजोरम
नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाएड इक्नॉमिक रिसर्च ( एनसीएईआर) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल पांच फीसद लोग ही अंतर-जातीय विवाह को पसंद करते हैं। जबकि इस मामले में भारत का पूर्वी छोड़ काफी आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक मिजोरम में 55 फीसद लोग इस तरह की शादी में विश्वास रखते हैं।
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मिजोरम को ईसाई बहुल क्षेत्र माना जाता है। यहां 87 फीसद लोग इसाई धर्म को मानने वाले हैं। लेकिन शादी के मामले में वे जात-पात को ताक पर रख अंतर-जातीय विवाह करते हैं।
मिजोरम के बाद मेघालय और सिक्किम
मिजोरम के बाद इस मामले में मेघालय और सिक्किम का नाम आता है। भारतीय मानव विकास सर्वे के मुताबिक मेघालय के 46 फीसद लोग अंतर-जातीय विवाह करते हैं जबकि सिक्किम में ये आंकड़ा 38 फीसद का है।
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33 राज्यों में किया गया सर्वे
भारतीय मानव विकास सर्वे ( आइएचडीएस ) के वर्ष 2011-12 में किये गए देशव्यापी सर्वे के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं। यह सर्वे मैरीलैंड यूनिवर्सिटी और एनसीएईआर द्वारा एक साथ किया गया था। सर्वे के दौरान इन लोगों ने भारत के केंद्रशासित प्रदेश मिलाकर कुल 33 राज्यों केे शहर और गांव का दौरा किया। इस दौरान सर्वे करने वाली टीम ने करीब 41,554 गृहस्थों से बातचीत की।
चौथे स्थान पर जम्मू-कश्मीर
तीनों उत्तर-पूर्व के राज्यों के बाद जो अगला नाम आता है वो है भारत का सबसे उत्तरी छोड़। जी हां, इसस मामले में मुस्लिम बहुल प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने उतर भारत के बाकी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। सर्वे के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के 35 फीसद लोग अंतर-जातीय विवाह को अच्छा मानते हैं और ऐसे ही अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हैं।
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गुजरात को चौथा स्थान
जम्मू-कश्मीर के बाद जो नाम सामने आता है वो है गुजरात। इंटरकास्ट मैरेज में गुजरात के 13 फीसद लोगों की रूचि है।
क्या है जाति व्यवस्था
जाति व्यवस्था श्रम के आधार पर समाज द्वारा स्थापित की एक ऐतिहासिक व्यवस्था है। इसके तहत एक जाति में पैदा हुआ व्यक्ति इसे बदल नहीं सकता। सर्वे के आंकड़े जाति आधारित पारंपरिक बाधाओं को तोड़ते हुए आधुनिकता और आर्थिक प्रगति के आधार पर जुटाए गए हैं।
सर्वे में पूछे गए सवाल
महिलाओं से पूछा गया कि क्या आपके पति आपकी जाति से हैं?
इसके जवाब में 95 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उनके पति उनकी ही जाति सेे हैं।
महिलाओं से पूछ गया कि क्या आपका परिवार और आपका पैतृक परिवार की जाति एक ही है?
इसके जवाब में मध्य प्रदेश की 99 फीसद महिलाओं ने बताया कि उनकेे ससुराल और माइके का परिवार एक ही जाति के हैं। इसके ठीक बाद हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ का नाम आया। यहां की 98 फीसद महिलाओं ने कहा कि उनके दोनों परिवारों की जाति एक ही है।