विवाह में हल्दी लगाना एक शगुन है।
हल्दी का लेप नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए बेहतर है।
विवाह चाहे लड़के का हो या लड़की का, उन्हें हल्दी का लेप जरूर लगाया जाता है। यह एक वैवाहिक रस्म है, जो हर किसी को निभानी होती है। विवाह में हल्दी लगाना एक शगुन है।
भारतीय रीति-रिवाज के अनुसार हल्दी की परंपरा को शुभ माना जाता है। यही नहीं, पहले तो शादी काड्र्स पर भी हल्दी का छिड़काव किया जाता था। कई समुदाय में तो पीले रंग के कपड़ें ही पहन कर फेरे लिये जाते है।
मान्यता है कि हल्दी दुल्हन और दूल्हे को बुरी नजरों से बचाने के लिए लगाई जाती है। हल्दी रस्म होने के बाद दूल्हे और दुल्हन को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।
हल्दी लगाने का एक मकसद यह भी होता है कि पुराने समय में पार्लर या किसी भी तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट नहीं थे, इसलिए प्राकृतिक चीज़ों से चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाया जाता था। हल्दी से स्किन साफ, सुंदर और चमकदार होती है, क्योंकि हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो स्किन को हेल्दी रखने में मदद करता है।
कहते हैं यदि किसी लड़की या लड़के का विवाह नहीं हो रहा हो तो तो स्नान करते समय जल में दो चुटकी पिसी हुई हल्दी मिलाइए और उससे स्नान कीजिए तो उनकी यह मनोकामना जरूर पूरी होती है।
हल्दी का लेप नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने के लिए बेहतर है। इसलिए विवाह में हल्दी का प्रयोग किया जाता है। दरअसल विवाह के समय बहुत सारे लोग घर में आते हैं। जो तमाम तरह की निगेटिव एनर्जी को प्रेषित करते हैं।