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म्यांमार के विदेश मंत्री आंग से मिले मिजोरम के सीएम जोरामथांगा, राजनीतिक हालात पर हुई चर्चा

मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने म्यांमार के विदेश मंत्री जिन मार आंग से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद के राजनीतिक हालात और वहां रहने जो जनजाति के लोगों को हो रही परेशानियों के मसले पर चर्चा हुई।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 22 Mar 2021 02:33 AM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 02:33 AM (IST)
दोनों नेताओं के बीच पड़ोसी देश के मौजूदा हालात और जो जनजाति के लोगों की परेशानियों पर हुई चर्चा।

आइजल, प्रेट्र। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने म्यांमार के विदेश मंत्री जिन मार आंग से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद के राजनीतिक हालात और वहां रहने जो जनजाति के लोगों को हो रही परेशानियों के मसले पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

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मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने म्यांमार के लोगों के साथ सहानुभूति जताई

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में अमेरिका में रहने वाले मिजो नेता भी शामिल हुए। जोरामथांगा ने म्यांमार के लोगों के साथ सहानुभूति जताई।

जोरामथांगा ने कहा- म्यांमार के विदेश मंत्री आंग के साथ हुई राजनीतिक हालात पर चर्चा 

मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने ट्वीट किया, 'आज सुबह म्यांमार के विदेश मंत्री जिन मार आंग के साथ सकारात्मक बैठक (ऑनलाइन) हुई। इस मुश्किल घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं म्यांमार के साथ हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'हम प्रार्थना करते हैं कि आपकी परेशानियां जल्द दूर हो जाएं।'

दोनों नेताओं के बीच तख्तापलट के बाद म्यांमार के राजनीतिक हालात पर चर्चा

मुख्यमंत्री के दफ्तर की तरफ से बताया गया कि दोनों नेताओं के बीच फरवरी के तख्तापलट के बाद म्यांमार के राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई। सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद अत्याचार और उत्पीड़न के शिकार जो जनजाति के लोगों के बीच शांति का आह्वान करते हुए उनके साथ एकजुटता दिखाई गई।

500 से ज्यादा लोग म्यांमार से मिजोरम पहुंचे, मोदी से शरण देने की अपील की थी

पिछले कुछ हफ्तों के दौरान 500 से ज्यादा लोग म्यांमार से मिजोरम में आए हैं। म्यांमार से मिजोरम की 510 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। केंद्र ने घुसपैठ को रोकने और घुसपैठियों को वापस भेजने का निर्देश दिया है। हालांकि, जोरामथांगा ने 18 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर म्यांमार से आने वाले लोगों को शरण देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इस मानवीय संकट के प्रति आंखें मूंदे नहीं रह सकता है।


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