12 राज्यों तक पहुंची मेट्रो, भोपाल बना 26वां शहर... देश में ऐसा रहा मेट्रो का सफर
भोपाल को मेट्रो सेवा के रूप में नई पहचान मिली है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर मेट्रो का उद्घाटन किया। ...और पढ़ें

भोपाल को मिली मेट्रो की सौगात।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के दिल मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को मेट्रो सेवा के रूप में एक नई पहचान मिलने जा रही है। मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हरी झंडी दिखाकर आज कर दिया है।
30.8 किलोमीटर लंबी यह अत्याधुनिक परियोजना शहर को तेज, सुगम और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। मेट्रो में दो कॉरीडोर—ऑरेंज लाइन (16.74 किमी) और ब्लू लाइन (14.16 किमी)—सहित एक डिपो शामिल है। यह परियोजना यातायात दबाव को कम करने के साथ नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी।
पहले चरण का किया गया शुभारंभ
भोपाल मेट्रो के पहले चरण ऑरेंज लाइन 'प्रायोरिटी कॉरीडोर' का शुभारंभ किया गया है। लगभग 7 किलोमीटर के इस खंड में 8 एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। यह स्टेशन एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, केन्द्रीय विद्यालय एवं सुभाष नगर है।
भोपाल मेट्रो की खासियत
- सुविधाजनक यात्रा के लिये सभी स्टेशनों पर हाई-स्पीड लिफ्ट और एस्केलेटर।
- दिव्यांगजन के लिये सुगम प्रवेश, व्हील चेयर सुविधा, ब्रेल साइनेज।
- उच्च स्तर की सुरक्षा : एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और ग्रेड-4 सिग्निलिंग सिस्टम।
- पर्यावरण अनुकूल : रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग से ऊर्जा उत्पादन और सोलर पावर का उपयोग।
- आरामदायक कोच : पूर्णत: एसी, आरामदायक सीटिंग और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट।
- स्मार्ट तकनीक : ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली और हाई-टेक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर।
देश में मेट्रो का सफर
1984 में कोलकाता से शुरू हुआ था मेट्रो का सफर जो अब भोपाल मेट्रो तक पहुंच चुका है। भारत की पहली मेट्रो कोलकाता में चली थी, जो 24 अक्टूबर 1984 को शुरू हुई और यह भारत की पहली और सबसे पुरानी मेट्रो प्रणाली है, जिसने शहरी परिवहन के एक नए युग की शुरुआत की।
अपनी स्थापना के बाद से, कोलकाता मेट्रो का व्यापक विस्तार हुआ है। यह अपने मूल 3.4 किमी से बढ़कर आज लगभग 60 किमी तक पहुंच गई है। इसमें हुगली नदी के नीचे भारत की पहली जलमग्न मेट्रो लाइन है, जो हावड़ा और कोलकाता को जोड़ती है।
2002 दिल्ली मेट्रो
यह देश की पहली मॉर्डन मेट्रो थी, जिसने वर्ल्ड क्लास सुविधा दी। पहली बार एसी मेट्रो चली, स्मार्ट कार्ड आया और टोकन झंझट खत्म हुआ।
2011 बेंगलुरु मेट्रो
यह दक्षिण भारत की पहली मेट्रो थी, जिसमें नई तकनीक जुड़ीं। इसने आईटी सिटी में सफर को आसान बनाया। इन ट्रेनों में ऑटोमेटिक कंट्रोल जैसी सुवाएं दी गईं और गलती पर सिस्टम खुद ही ब्रेक लगा देता है। हाल ही में पूरी तरह से भारत में बनी पहली ड्राइवरलेस ट्रेन भी लॉन्च की गई।
2014 मुंबई मेट्रो
यह पीपीपी मॉडल पर बनी भारत की पहली मेट्रो थी, जिसे रिलायंस ने बनाया था। इस तरह से देश में पहली बार निजी क्षेत्र की भागीदारी भी हुई। ये पूरी तरह से एलिवेटेड लाइन है।
2015 जयपुर मेट्रो
पहला टियर-2 शहर, जहां पर मेट्रो ने कदम रखे। इसके बाद से छोटे शहरों में मेट्रो की मांग बढ़ी और इसने बताया कि मेट्रो सिर्फ बड़े शहरों तक ही नहीं बल्कि छोटे शहरों की भी जरूरत है।
2015 चेन्नई मेट्रो
चेन्नई पहला शहर बना जहां के मेट्रो स्टेशन एयरकंडीशंड थे और दोहरी सुरक्षा थी। रीजनेटिव ब्रेक, इससे ब्रेक लगाते समय ऊर्जा वापस स्टेशन सिस्टम में चली जाती है।
2017 कोच्चि मेट्रो
यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट था जो रेल-रोड-वाटर ट्रांसपोर्ट को जोड़ता है। कोच्चि वाटर मेट्रो इसा हिस्सा है जो द्वीपों वह शहर को कनेक्ट करता है।
2017 लखनऊ मेट्रो
यह देश में सबसे तेजी के साथ बनी मेट्रो थी जो सिर्फ तीन सालों में तैयार हो गई। साथ ही स्टेशन डिजाइन और सुरक्षा के मामले में यह दिल्ली के बाद दूसरे नंबर है।
2017 हैदराबाद मेट्रो
पहली बार 30 किमी. का रूट एकसाथ खुला और यह सबसे बड़े पीपीपी मॉडल वाली पहली मेट्रो भी थी।
2019 नागपुर मेट्रो
यह भारत की पहली ग्रीन एनर्जी सर्टिफाइड मेट्रो थी। स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल लगे हुए हैं।
2019 नोएडा मेट्रो
एनसीआर का सबसे डिजिटल और प्लांड नेटवर्क। खुद की मेट्रो, अपना कंट्रोल सिस्टम और अपनी लाइन।
2019 गुजरात
यह गुजरात की पहली मेट्रो थी जिसने दो शहरों अहमदाबाद और गांधीनगर को जोड़ा।
2021 कानपुर मेट्रो
रिकॉर्ड दो साल में ट्रायल करने वाला पहला शहर बना। 8 मार्च 2019 को शिलान्यास हुआ और दिसंबर 2021 में मेट्रो चलने भी लगी।
2022 पुणे मेट्रो
पहली प्रोजेक्ट जो पूरी तरह से पीपीपी मॉडल पर आधारित था। यहां के मेट्रो पिलर ज्यादा पतले बनाए गए ताकि जगह कम लें।
2024 आगरा मेट्रो
आगरा सबसे कम आबादी वाला शहर बना जहां मेट्रो पहुंची।
2025 इंदौर
यह मध्य प्रदेश का पहला शहर बना जहां मेट्रो पहुंची और इसके कोच पूरी तरह से स्वदेशी हैं। यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी कदम है।
2025 पटना
भारत का सबसे छोटा प्रोजेक्ट, जिसमें सिर्फ तीन स्टेशन ही हैं और सिर्फ 4.3 किमी की दूरी है।
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