'वहां भगवा झंडा लेकर कौन लोग पहुंचे', मेसी के कार्यक्रम में हुए हंगामे पर राजनीति तेज; BJP ने TMC को खूब सुनाया
कोलकाता में मेसी के एक कार्यक्रम में हुए हंगामे के बाद राजनीति गरमा गई है। बीजेपी ने इस घटना को लेकर टीएमसी पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि भगवा ...और पढ़ें
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कोलकाता में मेसी के कार्यक्रम में हुए हंगामे पर राजनीति तेज। (फोटो- पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अर्जेंटिना के दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी के कोलकाता के कार्यक्रम में शनिवार को भारी हंगामा देखने को मिला। लोगों का आरोप है कि उन्होंने महंगी टिक खरीदी, लेकिन वह अपने पसंदीदा खिलाड़ी को नहीं देख पाए, जिसके बाद उनका गुस्सा फूटा।
कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में हुए इस हंगामे के बाद आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी ने सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी पर कड़ा प्रहार किया है। वहीं, टीएमसी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए सवाल खड़ा किया कि क्या स्टेडियम में हुई घटना पहले से नियोजित थी?
टीएमसी ने बीजेपी पर उठाए सवाल
दरअसल, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि जो कुछ भी कल कोलकाता में हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि फैंस इसलिए नाराज थे, क्यों कि मेसी को चारों ओर से घेर लिया गया था और वह अपने पसंदीदा प्लेयर को नहीं देख सके थे। टीएमसी नेता का कहना है कि यह राज्य सरकार का कार्यक्रम नहीं था। उचित व्यवस्था सुनिश्चित करना निजी आयोजक की जिम्मेदारी थी।
कुणाल घोष ने यह भी कहा कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने कल स्टेडियम में हुई निराशाजनक घटना के लिए मेसी और खेल प्रेमियों से माफी भी मांगी। आगे कहा कि इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। हालांकि, कुछ लोग इस कार्यक्रम में भगवा झंडा लेकर भी पहुंचे थे, वह वहां पर क्यों थे? वे फुटबॉल प्रशंसकों की भावनाओं का दुरुपयोग क्यों कर रहे थे? क्या वे तोड़फोड़ में शामिल थे? क्या यह सब पहले से सुनियोजित था?
बीजेपी ने टीएमसी को घेरा
जहां एक ओर टीएमसी का कहना है कि सॉल्ट लेक स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम सरकार का नहीं था। उधर, बीजेपी ने इस अराजकता के लिए सत्तारूढ़ दल को दोषी ठहराया है। भाजपा की ओर से कहा गया कि आज टीएमसी पूर्ण कुप्रबंधन और अराजकता का प्रतीक बन गई है। मेस्सी जैसा महान खिलाड़ी भारत आया और कोलकाता स्टेडियम में उसका पूरा कार्यक्रम बर्बाद हो गया। इसके लिए टीएमसी पूरी तरह से जिम्मेदार है। प्रशासन, पुलिस और सुरक्षाकर्मी कहीं नजर नहीं आए। मुझे बताया गया है कि टिकटों की कालाबाजारी भी हो रही थी। अगर बेंगलुरु जैसी भगदड़ वहां भी मच जाती, तो कौन जिम्मेदार होता?

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