Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू-कश्मीर: ईद से पहले पत्थरबाजों को रिहा करने की तैयारी

    By kishor joshiEdited By:
    Updated: Tue, 05 Jul 2016 06:38 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 2008 से 2014 के बीच पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए युवकों के मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए।

    श्रीनगर। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को पुलिस व गृह विभाग को वर्ष 2008 से 2014 के बीच पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए युवकों के मामलों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। महबूबा ने कहा कि गुमराह होकर गलत रास्ते पर जाने वाले युवकों को एक अच्छे नागरिक के तौर पर अपने भविष्य को संवारने का अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह काम ईद से पहले होना चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री ने श्रीनगर में एक उच्चस्तरीय बैठक में राज्य की जेलों में सुधार लाने के लिए किए जा रहे प्रबंधों की समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के विभिन्न जेलों में पत्थरबाजी के आरोप में बंद नौ युवकों के बारे में भी संबंधित प्रशासन को दो दिनों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजों से जुड़े सभी मामलों की समग्र समीक्षा होनी चाहिए और पुलिस मेरिट के आधार पर तय करे कि किन मामलों को वापस लिया जा सकता है और किन्हें छोड़ा जा सका है।

    पढ़ें- ईद पर कई पत्थरबाज रिहा

    मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को राज्य की जेल में बंद एक मूक-बधिर और मानसिक रूप से विक्षिप्त पाकिस्तानी नागरिक को उसके मुल्क वापस भेजने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए पूछा कि उसे इतने लंबे समय के लिए जेल में क्यों रखा गया है। यह व्यक्ति अंजाने में सरहद पार कर भारतीय सीमा में आ गया था। महबूबा ने कहा कि राज्य व कानून लागू करने वाली एजेंसियों को ऐसे मामलों कठोर रवैये के बजाय मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों को सुधार केंद्र बनाया जाना चाहिए न कि सजा केंद्र के तौर पर। इसलिए इनकी समीक्षा भी इसी नजरिए से होनी चाहिए।

    14 जेलों में 99 महिलाओं समेत 2367 बंदी

    डीजी कारागार ने बताया कि इस समय राज्य में 3031 कैदियों की क्षमता के साथ 14 जेल हैं। नौ जेल जम्मू में और पांच कश्मीर में हैं। तीन नई जेलें पुलवामा, भद्रवाह और कारगिल में बन रही हैं। राज्य के विभिन्न जेलों में बंद कुल 2367 लोगों में 2268 पुरुष और 99 महिलाएं हैं। इनमें 192 कैदी आतंकवाद से संबंधित मामलों में शामिल हैं और कानून के मामलों में 2170 कैदी हैं।