Meghalaya: पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले में मतगणना के बाद हिंसा, सहसनियांग गांव में लगाया गया कर्फ्यू
पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिला प्रशासन ने मतगणना के बाद हुई हिंसा को देखते हुए सहसनियांग गांव में कर्फ्यू लगा दिया है। यह अगले आदेश तक लागू होगा। विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कुछ इलाकों से हिंसा की खबरें आई थीं।
शिलान्ग, एएनआई। मेघालय में मतगणना बाद हुई हिंसा को देखते हुए पश्चिम जयंतिया हिल्स जिला प्रशासन ने सहसनियांग गांव में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, राज्य में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद कुछ इलाकों से हिंसा की खबरों के बाद कर्फ्यू लगाया गया है।
हिंसा रोकने के लिए लगाया गया कर्फ्यू
आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, "सहसनियांग गांव में मतगणना के बाद हिंसा की सूचना मिली है और इस बात की आशंका है कि अगर ध्यान नहीं दिया गया तो हिंसा फैल सकती है और तेज हो सकती है।" आदेश में आगे कहा गया है, "हिंसा को तुरंत रोकने और क्षेत्र में सार्वजनिक शांति बहाल करने के लिए इन क्षेत्रों में कर्फ्यू घोषित किया जा सकता है।"
मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति
मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन रही है। यहां किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। नेशनल पीपुल्स पार्टी यानी एनपीपी 26 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे सामने आई है, वहीं भाजपा को केवल दो सीटों पर जीत हासिल हुई।
कांग्रेस और टीएमसी को मिली पांच-पांच सीटें
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस और टीएमसी को पांच-पांच सीटें मिलीं। वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी को चार, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई। इसके अलावा, दो निर्दलीय प्रत्याशी भी जीत दर्ज करने में सफल रहे।
एनपीपी को 2018 में 19 सीटों पर मिली थी जीत
एनपीपी की सीटों में इस बार इजाफा देखने को मिला है। पिछली बार उसे केवल 19 सीटों पर जीत मिली थी। अब इसे सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल का सहयोग चाहिए। पिछली बार कोनराड संगमा ने भाजपा समेत कई दलों के साथ सरकार बनाकर मुख्यमंत्री बने थे। इस बार भाजपा ने अलग होकर चुनाव लड़ा है। हालांकि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि संगमा ने सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन मांगा है।