'परिवारों पर पड़ सकता है असर', ट्रंप ने फोड़ा H-1B वीजा बम तो भारत का आया पहला रिएक्शन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा की सालाना फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दी है। विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार ने अमेरिकी H1B वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं। इस उपाय के मानवीय परिणाम होने की संभावना है क्योंकि इससे परिवारों को व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एच-1बी वीजा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए शुल्क और सख्त नियमों की घोषणा पर भारत सरकार ने संतुलित प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में इस कदम को दोनों देशों के आर्थिक हितों को प्रभावित करने वाला बताया गया है , साथ ही उम्मीद जताई है कि उद्योग और नीति निर्माता मिलकर इसका समाधान निकालेंगे।
इसके साथ ही फैसले से प्रभावित होने वाले पेशवरों के परिवारों पर पड़ने वाले मानवीय प्रभावों को दूर करने की अपील की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा है कि “सरकार को एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से जुड़ी रिपोर्ट्स की जानकारी है। भारतीय उद्योग समेत इससे प्रभावित सभी पक्ष इस कदम के पूरे प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। भारतीय उद्योग ने पहले ही एक प्रारंभिक विश्लेषण जारी किया है, जिसमें वीजा कार्यक्रम से जुड़ी कुछ गलतफहमियों को दूर किया गया है।''
'उम्मीद है कि निकलेगा अच्छा रास्ता'
उन्होंने जोर दिया है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के उद्योग, अन्वेषण व रचनात्मकता में साझेदार हैं। इसलिए, उम्मीद है कि वे मिलकर आगे का सबसे अच्छा रास्ता तय करेंगे। जायसवाल ने आगे कहा है कि, “कुशल प्रतिभाओं का आवागमन और आदान-प्रदान ने अमेरिका और भारत में तकनीकी विकास, आर्थिक वृद्धि, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। नीति निर्माता हाल के कदमों का मूल्यांकन आपसी फायदों को ध्यान में रखकर करेंगे, इसमें दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंध भी शामिल हैं। यह कदम परिवारों के लिए मानवीय समस्याएं पैदा कर सकता है, क्योंकि इससे उनके जीवन में व्यवधान आएगा।''
अंत में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी अधिकारी इन समस्याओं का उचित समाधान करेंगे।
भारतीय हितों को प्रभावित करने वाले लिए गए फैसले
सनद रहे कि हाल के समय में ट्रंप प्रशासन की तरफ से भारत के हितों के संदर्भ में कई नकारात्मक फैसलों के बावजूद विदेश मंत्रालय ने काफी सोच समझ कर बयान दिया है। पिछले कुछ महीनों में अमेरिकी सरकार ने एक के बाद एक कई फैसले किये हैं जो भारत के हितों को प्रभावित करती हैं या बेवजह दबाव बनाती हैं।
जैसे भारतीय आयात पर दुनिया में सबसे ज्यादा 50 फीसद का शुल्क लगाया गया है। इस पर बात करने के लिए वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के अगले हफ्ते अमेरिका जाने की संभावना है। इस पर भारत ने कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
इसके बाद भारत के सहयोग से ईरान में निर्मित चाबहार पोर्ट को अमेरिकी प्रतिबंध से मिली छूट को समाप्त करने का भी फैसला किया गया है। विदेश मंत्रालय ने सिर्फ यह कहा है कि वह इसका अध्ययन कर रहा है। इसी बीच एच-1बी वीजा को लेकर फैसला आ गया है।
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