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    राजस्थान में 40 करोड़ की एमडी ड्रग्स होनी थी तैयार, पुलिस ने पहले ही बोल दिया धावा; सरगना गिरफ्तार

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 11:33 PM (IST)

    राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एमडी ड्रग्स बनाने की एक निर्माणाधीन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। राजस्थान पुलिस और एनसीबी ने संयुक्त कार्रवाई में मुंबई के कुख्यात तस्कर बृजेश उर्फ बिरजू शुक्ला और एक मजदूर को गिरफ्तार किया। फैक्ट्री से 40 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स तैयार होनी थी।

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    राजस्थान के बाड़मेर में एमडी ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जयपुर। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राजस्थान के बाड़मेर जिले में एमडी ड्रग्स बनाने और पंजाब व गुजरात में आपूर्ति करने की योजना का पर्दाफाश हुआ है।

    राजस्थान पुलिस व एनसीबी ने मिलकर धोकलिया गांव के एक खेत में ड्रग्स की निर्माणाधीन फैक्ट्री पकड़ी और मुंबई निवासी कुख्यात तस्कर बृजेश उर्फ बिरजू शुक्ला व मांगीलाल नामक मजदूर को गिरफ्तार किया। बृजेश लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ा है। 2018 से फरार बृजेश पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित है।

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    40 करोड़ की एमडी ड्रग्स होनी थी तैयार

    पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर की गई कार्रवाई में 40 किलो मिक्स लिक्विड, चार प्रतिबंधित दवाएं, 300 किलो लिक्विड केमिकल, एक जनरेटर और आठ बड़े प्लास्टिक ड्रम भी बरामद किए गए। जब्त सामान से लगभग 40 करोड़ की एमडी ड्रग्स तैयार होनी थी। जांच में मुंबई पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है।

    उन्होंने बताया कि फैक्ट्री का मुख्य संचालन कुख्यात तस्कर रमेश उर्फ अनिल कुमार कर रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है। रमेश के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में मादक पदार्थों की तस्करी के 13 मामले दर्ज हैं। जांच में सामने आया है कि रमेश की मुलाकात कुछ साल पहले बृजेश उर्फ बिरजू से हुई थी। उसी ने उसे फैक्ट्री लगाने के लिए धोकलिया बुलाया था।

    बाड़मेर में ही क्यों लगाई जाती हैं ड्रग्स की फैक्ट्री?

    बता दें कि बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रग्स की फैक्ट्री स्थापित करने का मुख्य कारण यहां का सुनसान रेगिस्तानी इलाका है, जहां रिहायशी क्षेत्रों के बीच की दूरी अधिक है। जिस गांव में फैक्ट्री पकड़ी गई, वह भारतमाला राजमार्ग के निकट स्थित है, जहां मुंबई से सामग्री लाना आसान था। उल्लेखनीय है कि इसके पहले जोधपुर, जालौर और सिरोही में भी एमडी ड्रग्स बनाने की फैक्टि्रयां पकड़ी जा चुकी हैं।

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