मौलाना मसूद अजहर को होगी भारत लाने की कोशिश
अगर भारत और पाकिस्तान के बीच 15 जनवरी 2016 को प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय बातचीत होती है तो भारत की पहली मांग जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को भारत लाने की होगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच 15 जनवरी, 2016 को प्रस्तावित विदेश सचिव स्तरीय बातचीत होती है तो भारत की पहली मांग जैश के मुखिया मौलाना मसूद अजहर को भारत लाने की होगी। अजहर पर पहले से ही भारत में कई मामले चल रहे हैं। उसे वर्ष 1999 में इंडियन एयरलाइंस विमान के अपहरण होने पर सरकार की तरफ से छोड़ा गया था।
पढ़ेंः हमले का मास्टरमाइंड है मसूद अजहर, 17 साल पहले छोड़ा गया था
पाकिस्तान सरकार के बदले रुख के बाद विदेश मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मसूद को भारत लाना सरकार का एक अहम मकसद होगा। भारत की तरफ से उसके खिलाफ पहले भी पाकिस्तान सरकार से शिकायतें की गई हैं लेकिन कई बार गिरफ्तार होने के बावजूद उसकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगाया जा सका है। मसूद पठानकोट हमले से पहले संसद पर हुए हमले और जम्मू व कश्मीर विधान सभा के सामने हुए विस्फोट मामले में भी आरोपी है।
पढ़ेंः पठानकोट हमले में पाक की बड़ी कार्रवाई, आतंकी मसूद अजहर गिरफ्तार!
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की तरफ से पठानकोट हमले की जांच करने के लिए आने वाले दल को लेकर भी विदेश सचिवों के बीच बातचीत होगी। भारत सरकार को इस तरह के जांच दल से कोई आपत्ति नहीं है। बैंकाक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई बातचीत में यह सहमति बनी थी कि आतंकवादी घटनाओं की दोनों देश संयुक्त तौर पर जांच कर सकते हैं। इस तरह के सहयोग का एक रोडमैप बनाने की भी बात हुई थी। विदेश सचिवों के बीच हो वाली समग्र बातचीत में इस पर विस्तार से चर्चा होने के आसार हैं।
पढ़ेंः जानिए, कौन है मसूद अजहर?
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।