हैदराबाद का रहने वाला था सिडनी आतंकी हमले का मास्टरमाइंड साजिद, पिता की मौत के बाद भी नहीं आया भारत
सिडनी के बोंडी बीच पर हमला करने वाला साजिद अकरम हैदराबाद का रहने वाला था, जो 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था। तेलंगाना पुलिस के अनुसार, उसका परिवार टो ...और पढ़ें

हैदराबाद का रहने वाला था सिडनी आतंकी हमले का मास्टरमाइंड साजिद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का त्योहार मना रहे यहूदियों पह हमला करने वाला साजिद अकरम मूल रूप से भारतीय था। वह हैदराबाद का रहने वाला है और साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था। ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद से उसका हैदराबाद में अपने परिवार से सीमित संपर्क था। यहां तक की वह 2009 में अपने पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ।
तेलंगाना पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने साजिद अकरम के फैमिली का पता टोली चौकी की अल हसनथ कॉलोनी से लगाया। अकरम के पिता सशस्त्र बलों के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, और उसका बड़ा भाई डॉक्टर है।
सिर्फ छह बार आया है भारत
तेलंगाना के डीजीपी शिवधर रेड्डी ने कहा, 'हमें बताया गया है कि साजिद ने 27 साल पहले भारत से पलायन करने के बाद मुख्य रूप से संपत्ति संबंधी मामलों के लिए छह बार भारत की यात्रा की। यहां तक की जब साल 2009 में उसके पिता की मौत हुई, तब भी वह भारत नहीं आया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साजिद के परिवार वालों ने पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि साजिद और उनके 24 वर्षीय बेटे नवीद को कथित तौर पर कब और कैसे कट्टरपंथी बनाया गया था।
आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित
तेलंगाना के डीजीपी शिवधर रेड्डी ने बताया कि रिपोर्ट से पता चलता है की साजिद आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित था। उसके कट्टरपंथी बनने के कारणों का भारत से कोई संबंध नहीं दिख रहा है। रेड्डी ने यह भी पुष्टि की है कि ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले उसका भारत में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
कहां कट्टरपंथी बने बाप-बेटे?
ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों को आशंका है कि साजिद और उसके बेटे नवीद को सिडनी में कट्टरपंथी बनाया गया। नावेद ने 2019 से 2022 के बीच सिडनी में अरबी और धार्मिक पाठ्यक्रम में भाग लिया था। न्यू साउथ वेल्स के पुलिस आयुक्त माल लैन्योन ने बताया कि नवीद के वाहन में देसी बम और आईएसआईएस के दो झंडे मिले। वहीं, हमले में घायल हुए 40 लोगों में तीन भारतीय छात्र भी शामिल थे, जिनमें से दो अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।

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