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    ISIS से प्रेरित था बोंडी बीच आतंकी हमला, साजिद-नवीद ने भारतीय पासपोर्ट पर की थी फिलीपींस की यात्रा; ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का दावा

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 12:03 AM (IST)

    सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का उत्सव मना रहे यहूदियों पर हमला करने वाले साजिद अकरम और नवीद अकरम आइसिस से प्रेरित थे। उनकी कार से आइसिस के झंडे बरामद हु ...और पढ़ें

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    सिडनी के बोंडी बीच पर आतंकी हमला आइसिस से प्रेरित

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया में सिडनी के बोंडी बीच पर हनुक्का उत्सव मना रहे यहूदियों पर हमला करने वाले पिता-पुत्र साजिद अकरम और नवीद अकरम इस्लामिक स्टेट (आइसिस) से प्रेरित थे। उनकी कार से घर में बने आइसिस के दो झंडे बरामद हुए हैं। दोनों ने नवंबर में फिलीपींस की यात्रा भी की थी।

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    साजिद ने भारत के पासपोर्ट पर और नवीद ने आस्ट्रेलिया के पासपोर्ट पर यह यात्रा की थी। रविवार को हुए उक्त आतंकी हमले में 15 लोग मारे गए थे।आस्ट्रेलियाई पुलिस ने मंगलवार को कहा कि हमलावर पिता-पुत्र की फिलीपींस यात्रा का मकसद क्या था, इसकी जांच की जा रही है।

    सिडनी के बोंडी बीच पर आतंकी हमला आइसिस से प्रेरित

    फिलीपींस के आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि दोनों एक नवंबर को मनीला व फिर देश के दक्षिण में डावाओ गए थे और 28 नवंबर को वहां से चले गए थे। अधिकारियों ने कहा कि पिता साजिद भारतीय पासपोर्ट (आस्ट्रेलिया में वीजा पर होने के कारण) पर गया था, जबकि बेटा नवीद आस्ट्रेलियाई पासपोर्ट (जन्म से आस्ट्रेलियाई नागरिक होने के कारण) पर था।

    उन्होंने कहा, यह पक्का नहीं है कि वे किसी आतंकी समूह से जुड़े थे या उन्होंने देश में प्रशिक्षण लिया था। गौरतलब है कि आइसिस से जुड़े नेटवर्क फिलीपींस में सक्रिय हैं। देश के दक्षिण में उनका कुछ असर रहा है।

    दक्षिणी द्वीप में हाल के वर्षों में उनकी गतिविधियां काफी सीमित हो गई हैं, जबकि 2017 के मारावी घेराबंदी के दौरान उनका काफी प्रभाव था।आस्ट्रेलियाई फेडरल पुलिस कमिश्नर क्रिसी बैरेट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''शुरुआती संकेत आइसिस से प्रेरित आतंकी हमले की ओर इशारा करते हैं।

    साजिद और नवीद ने फिलीपींस की यात्रा की थी

    ये उन लोगों का काम है जो किसी धर्म से नहीं, बल्कि एक आतंकी संगठन से जुड़ाव रखते हैं।'' पुलिस ने यह भी बताया कि जब्त कार नवीद के नाम पर पंजीकृत है, उसमें आइईडी और आइसिस से जुड़े घर पर बने दो झंडे थे। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी कहा कि ये बातें सुबूतों पर आधारित हैं, जिसमें जब्त की गई कार में आइसिस के झंडे की मौजूदगी भी शामिल है।

    इस बीच, नवीद के सिडनी के एक उपनगरीय इलाके में रेलवे स्टेशनों के बाहर इस्लाम का प्रचार करते हुए वीडियो सामने आए हैं। अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह हिंसा के रास्ते पर कैसे चला गया।बोंडी बीच मंगलवार को खोल दिया गया, लेकिन आसमान में बादल होने की वजह से यह ज्यादातर खाली रहा।

    आस्ट्रेलिया में इजरायल के राजदूत आमिर मैमन ने मंगलवार को बोंडी बीच का दौरा किया और आस्ट्रेलिया सरकार से देश में यहूदियों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की अपील की। उन्होंने वहां अस्थायी स्मारक पर फूल चढ़ाए और पीडि़तों को श्रद्धांजलि दी।

    अब तक हजारों लोगों ने यहां आकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। मंगलवार को यहां आने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री जान हावर्ड भी थे, जो 1996 में बंदूक कानूनों में बड़े बदलाव और गैरकानूनी हथियारों को वापस खरीदने के लिए जिम्मेदार थे।

    हैदराबाद का रहने वाला था साजिद

    हमले के दौरान मारा गया साजिद अकरम मूल रूप से भारतीय शहर हैदराबाद से था। तेलंगाना पुलिस ने मंगलवार को बताया कि उससे हैदराबाद से बीकाम किया था और नवंबर, 1998 में नौकरी की तलाश में आस्ट्रेलिया चला गया था। वहां उसने यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की और फिर वहीं बस गया था।

    उसका एक बेटा नवीद (हमलावरों में से एक) और एक बेटी है। साजिद के पास भारतीय पासपोर्ट था और उसका बेटा नवीद व बेटी आस्ट्रेलिया में पैदा हुए थे और वे वहीं के नागरिक हैं।

    साजिद का भारत में अपने परिवार से सीमित संपर्क था। उसके परिवार के सदस्यों को उसकी कट्टरपंथी सोच या गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, न ही उन हालात के बारे में पता था जिनकी वजह से वह कट्टरपंथी बना।

    पुलिस ने कहा कि उसके कट्टरपंथी बनने का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई कनेक्शन नहीं लगता। 1998 से वह छह बार भारत आया और अधिकतर परिवारिक कारणों से। भारत छोड़ने से पहले उसका कोई प्रतिकूल रिकार्ड नहीं था।

    (न्यूज एजेंसी रायटर्स के इनपुट के साथ)