Marathi Language Row: 'मीडिया से कोई बात नहीं करेगा', भाषा विवाद के बीच राज ठाकरे का MNS नेताओं को सीधा फरमान
महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद गहराता जा रहा है जिसमें अब हिंदीभाषी राज्यों के नेता भी शामिल हो गए हैं। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को बिना अनुमति मीडिया से बात न करने का फरमान जारी किया है। कुछ वीडियो में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने वालों पर हमले का दावा किया गया है जिसके चलते कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Marathi Language Row: महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। अब इस विवाद में हिंदीभाषी राज्यों के नेताओं की भी एंट्री हो गई है। कई नेताओं में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे पर निशाना साधा है।
इस बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को बड़ा फरमान जारी किया है। राज ठाकरे ने MNS के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे उनकी अनुमति के बिना मीडिया से बात करना बंद कर दें।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, महाराष्ट्र के कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें दावा किया है कि कुछ एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने उन लोगों पर हमला बोला है, जो मराठी नहीं बोल रहे थे।
इस कड़ी में पुलिस ने शनिवार को बताया कि वर्ली में उद्यमी सुशील केडिया के कार्यालय में तोड़फोड़ के सिलसिले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 223, 189(2), 189(3), 190, 191(2), 191(3) और 125 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बीजेपी ने राज ठाकरे पर साधा निशाना
इधर, बीजेपी लगातार राज ठाकरे पर निशाना साध रही है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें (राज ठाकरे) केवल गुंडागर्दी करनी है।
इसके अलावा विकीलीक्स में उल्लिखित बिहार के एक छात्र पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा की 2007 की घटना को साझा करते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि गुंडागर्दी राज ठाकरे का एकमात्र उद्देश्य है, जिसे मनसे प्रमुख नगर निगम चुनाव हारने के डर से करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।