देश में ट्रेनों के पटरी से उतरने के एक नहीं कई हैं कारण, पुराने हादसों से भी सबक नहीं सीखा रेलवे
Train Accidents भारत की आजादी के बाद देश में कई रेल हादसे देखने को मिले हैं लेकिन ओडिशा के बालेश्वर में जो रेल हादसा हुआ है उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में सैकड़ों लोगों की जान चली गई।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत का रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इसकी कुल लंबाई 65,000 किलोमीटर है। हालांकि, करीब 150 साल पुराने रेल नेटवर्क पर कई ऐसे हादसे देखने को मिले हैं, जिसे देख हर कोई स्तब्ध रह गया।
बीते शुक्रवार ओडिशा के बालेश्वर में हुए भीषण रेल हादसे में अबतक 288 लोगों की जान चली गई है, जबकि एक हजार से अधिक लोग इस भीषण ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए हैं। इस रेल दुर्घटना को देश का तीसरा सबसे बड़ा हादसा बताया जा रहा है।
जांच में सामने आया है कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया गया था, लेकिन इसे वापस ले लिया गया। ऐसे में इस हादसे के बाद ये जानना जरूरी बनता है कि आखिर ट्रेनें पटरी से अचानक कैसे उतर जाती है, जो इतने भीषण हादसे का रूप ले लेती हैं।
क्यों पटरी से उतर जाती है ट्रेनें?
- भारत की आजादी के बाद देश में कई रेल हादसे देखने को मिले हैं, लेकिन ओडिशा के बालेश्वर में जो रेल हादसा हुआ है, उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
- तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में सैकड़ों लोगों की जान चली गई।
- बता दें कि पटरियों से ट्रेन के उतरने का मुख्य कारण मैकेनिकल फाल्ट या रेलवे ट्रैक पर लगने वाले उपकरण का खराब होना होता है।
- ये हादसे उस वक्त होते हैं, जब पटरियों पर दरार पड़ जाती है। साथ ही ट्रेन के डिब्बे को बांधे रखने वाला उपकरण ढीला हो जाता है।
- इसके अलावा एक्सेल यानी ट्रेन की बोगी जिस पर रखी होती है, उसका टूटना भी हादसे की एक वजह बनता है।
- इन पटरियों पर लगातार ट्रेनों के चलने की वजह से पटरियों में बड़ा बदलाव आता है, इस वजह से भी ट्रेन डीरेल होती है।
क्या ये हो सकता है हादसे का कारण?
रेल हादसों की एक बड़ी वजह रेल ज्वाइंट को भी माना गया है। बता दें कि रेल ज्वाइंट में 2.5 से 3 सेंटीमीटर का स्पेस चाहिए होता है, लेकिन इनका रख रखाव सही तरीके से नहीं रखा जाता है तो ये कारण भी हादसे का रूप ले लेता है। इसलिए समय-समय पर रेलवे ट्रेक की जांच बहुत जरुरी होती है।
क्यों होते हैं ट्रेन हादसे?
भारत में बीते 70 सालों के दौरान कई बार रेल हादसे सामने आए हैं। इनमें एक अहम वजह ये भी है कि तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण धातु से बनी रेल की पटरियां गर्मी के महीनों में फैलती हैं और सर्दियों में सिकुड़ती हैं। उन्हें नियमित रखरखाव की आवश्यकता होती है। थोड़ी भी लापरवारी बरतने पर ये बड़े हादसे का रूप ले लेती है। इसके अलावा रेल हादसों के लिए रखरखाव और धन की कमी भी बड़ी वजह है।
क्या है रेल हादसे के पीछे की वजह?
2022 के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 2021 में रेल दुर्घटनाओं में 38.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट के अनुसार, 17,993 दुर्घटनाओं में से 19.4 प्रतिशत महाराष्ट्र में हुई, इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 के दौरान 17,993 रेल दुर्घटनाओं में 1,852 लोग घायल हुए और 16,431 लोगों की मौत हुई। इन हादसों की बड़ी वजह ड्राइवरों की गलती, रेलवे ट्रैक पर तोड़फोड़, सिग्नलमैन की लापरवाही और मशीनी खराबी शामिल हैं। इसके कारण ही देश में बड़ी रेल दुर्घटनाएं घटित हुई हैं।