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    Manmohan Singh: 'पैसे पेड़ पर नहीं लगते' जब मनमोहन ने अर्थव्यवस्था को लेकर कही थे ये बात, हर तरफ थी इसकी चर्चा

    Updated: Fri, 27 Dec 2024 05:19 PM (IST)

    Manmohan Singh Death पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का लंबी बीमारी के बाद 92 साल की उम्र में निधन हो गया। पीएम मोदी राहुल और सोनिया गांधी समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके कई बयान और शायरी की वीडियो खूब वायरल हो रही है। ऐसा ही एक बयान उनका अर्थव्यवस्था को लेकर भी है।

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    Manmohan Singh death जब मनमोहन सिंह ने देश को किया था संबोधित।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। बीती रात मनमोहन सिंह को बेहोश होने के बाद एम्स में लाया गया था, जहां उन्होंने रात 9 बजकर 51 मिनट पर अंतिम सांस ली। पीएम मोदी, राहुल गांधी और अमित शाह समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। 

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    पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने आज अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिए हैं। सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया है।

    मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके कई बयान और शायरी की वीडियो खूब वायरल हो रही है। अर्थव्यवस्था को लेकर 'पैसे पेड़ पर नहीं लगते' वाला ऐसा ही एक बयान उन्होंने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में दिया था। ये बयान काफी चर्चा में रहा था।

    राष्ट्र के नाम दिया संबोधन

    • दरअसल, मनमोहन सिंह अर्थव्यवस्था की समस्याओं को सुलझाने के लिए कड़े कदम उठाने के चलते विपक्ष के निशाने पर थे। मनमोहन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लोगों का विश्वास खत्म न हो इसलिए उन्होंने सख्त कदम उठाए।
    • तृणमूल कांग्रेस ने उस समय यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी, जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए ये बात रखी थी। तृणमूल कांग्रेस ने विदेशी पूंजी निवेश में 51 प्रतिशत की इजाजत देने और डीजल के दामों में वृद्धि के फैसले का विरोध किया था। 

    2012 में दिया था बयान- पैसे पेड़ पर नहीं लगते...

    राष्ट्र के नाम संबोधन में मनमोहन सिंह ने कहा कि हम वैश्विक अर्थव्यस्था में आई मुश्किलों का सामना करने में काफी हद तक कामयाब रहे। हमें काफी सख्त कदम उठाने ही थे, जिससे हमारे विकास में आई मंदी को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि  अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ी तेल की कीमतों के कारण ही डीजल की कीमत में वृद्धि की गई और एलपीजी के दाम बढ़ाए गए।

    मनमोहन ने इसके बाद जोर देते हुए कहा, ''पैसा पेड़ पर नहीं लगते हैं.. यदि कड़े कदम न उठाए गए होते तो देश का वित्तीय घाटा और सरकारी खर्च काफी बढ़ जाता। निवेशकों का भारत की अर्थव्यवस्था से विश्वास उठ जाता। इससे ब्याज दरें बढ़ती और रोजगार भी प्रभावित होता।

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