Manipur Violence: 'मैतेयी और कुकी के बीच दूरी पाटने के लिए जल्द शुरू होगी वार्ता', हिंसक घटना पर अमित शाह ने दिए ये स्पष्ट निर्देश
मणिपुर में एक वर्ष से अधिक समय से कुकी और मैतेयी समुदायों के बीच जारी नस्ली हिंसा के स्थायी समाधान के लिए दोनों समुदायों से बातचीत शुरू की जाएगी।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि शांति और सौहार्द बहाली के लिए केंद्रीय बलों की भी रणनीतिक तैनाती होगी और जरूरत पड़ने पर उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।उन्होंने हिंसा करने वालों के विरुद्ध कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मणिपुर में एक वर्ष से अधिक समय से कुकी और मैतेयी समुदायों के बीच जारी नस्ली हिंसा के स्थायी समाधान के लिए दोनों समुदायों से बातचीत शुरू की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई मणिपुर की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक में नस्ली संघर्ष सुलझाने के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत बताई गई।
बैठक में शामिल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे
बैठक में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आइबी निदेशक तपन डेका, थल सेनाध्यक्ष (नामित) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ-साथ राज्य व केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के अहम अधिकारी मौजूद थे, लेकिन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह बैठक में उपस्थित नहीं थे।
Chaired a meeting to review the security situation in Manipur with senior officials from various agencies.
— Amit Shah (@AmitShah) June 17, 2024
Our government, under the leadership of PM Shri @narendramodi Ji, is firmly committed to ensuring peace and harmony in Manipur. Directed the local authorities to enhance… pic.twitter.com/g9Zb6ZMuu5
जल्द दोनों समुदायों से बातचीत शुरू करेगा गृह मंत्रालय
बैठक में शाह ने साफ किया कि मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मैतेयी और कुकी समुदायों के बीच दूरी पाटना जरूरी है और इसका एकमात्र रास्ता बातचीत है। गृह मंत्रालय जल्द दोनों समुदायों से बातचीत शुरू करेगा। शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि राज्य में हिंसा की कोई और घटना नहीं होनी चाहिए, इसके लिए सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की जाए।
हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
उन्होंने कहा कि शांति और सौहार्द बहाली के लिए केंद्रीय बलों की भी रणनीतिक तैनाती होगी और जरूरत पड़ने पर उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने हिंसा करने वालों के विरुद्ध कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई के भी निर्देश दिए। विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार मणिपुर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
राहत शिविरों में लोगों को नहीं होनी चाहिए परेशानीः शाह
उन्होंने राज्य के राहत शिविरों की स्थिति; विशेष रूप से भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता की जानकारी ली। साथ ही कहा कि राहत शिविरों में लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापितों के लिए उचित स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाएं सुनिश्चित करने और उनका पुनर्वास करने को भी कहा।
RSS प्रमुख ने जताई थी चिंता
गौरतलब है कि पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मणिपुर में जारी नस्ली हिंसा पर चिंता जताई थी। उनका कहना था कि सरकार को इसका स्थायी समाधान तलाशने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए। मणिपुर की आबादी में लगभग 53 प्रतिशत मैतेयी हैं जो इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी समेत आदिवासी 40 प्रतिशत हैं जो पर्वतीय जिलों में निवास करते हैं।
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