कुकी गुटों ने मणिपुर और केंद्र के साथ किया त्रिपक्षीय समझौता, अगले हफ्ते पीएम मोदी भी कर सकते हैं दौरा
मणिपुर में स्थायी शांति की दिशा में केंद्र सरकार ने कुकी समुदाय के संगठनों के साथ समझौता किया है। कुकी नेशनल आर्गेनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ने एक साल के लिए सभी ऑपरेशन निलंबित करने पर सहमति दी है। कुकी-जो परिषद ने राष्ट्रीय राजमार्ग-दो को खोलने का फैसला किया है जिससे हिंसा के बाद पहली बार मुक्त आवाजाही संभव होगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो साल से अधिक समय से हिंसाग्रस्त मणिपुर में स्थायी शांति का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर सरकार के साथ समझौते में कुकी समुदाय के जो संगठनों कुकी नेशनल आर्गेनाइजेशन (केएनओ) तथा यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) ने अगले एक साल के लिए सभी ऑपरेशन निलंबित करने पर सहमति दे दी है।
इसके साथ ही कुकी और जो समुदायों से जुड़े कुकी-जो परिषद ने राष्ट्रीय राजमार्ग-दो को यात्रियों व आवश्यक वस्तुओं की मुक्त आवाजाही के लिए खोलने का फैसला किया है। इससे तीन मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद पहली बार कुकी और मतैयी बहुल इलाकों के बीच मुक्त आवाजाही संभव हो सकेगी।
इंफाल और चुड़चांदपुर में तैयारी शुरू
कुकी गुटों ने मणिपुर की अखंडता बनाए रखने पर सहमति जताई है, जो मैतेयी समुदाय की प्रमुख मांग है। समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। 13 सितंबर को प्रधानमंत्री को मिजोरम जाना है। माना जा रहा है कि उसके एक दिन पहले प्रधानमंत्री मणिपुर जा सकते हैं। मणिपुर से आ रही सूचना के मुताबिक प्रधानमंत्री के लिए मैतेयी बहुल इंफाल के साथ-साथ कुकी बहुल चुड़चांदपुर में भी तैयारी की जा रही है।
इससे प्रधानमंत्री दोनों समुदायों को साधने की कोशिश करेंगे। मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद प्रधानमंत्री का यह पहला दौरा होगा। विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री पर मणिपुर नहीं जाने को लेकर निशाना साधता रहा है। इस साल 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के बाद किये गए सतत प्रयासों और पिछले तीन-चार दिनों से गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केएनओ और यूपीएफ के प्रतिनिधियों की सघन बातचीत के बातचीत के बाद त्रिपक्षीय समझौते पर सहमति बनी।
एक साल के लिए लागू होगा समझौता
इसके बाद सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (एसओएस) को लेकर त्रिपक्षीय समझौता हुआ। यह समझौता एक साल के लिए लागू होगा। ध्यान देने की बात है कि इन कुकी गुटों के साथ 2008 में ही एसओएस पर समझौता हुआ था, जिसे हर साल बढ़ाया जा रहा था। लेकिन हिंसा के कारण 2024 में इसे बढ़ाया नहीं गया था और अब नई शर्तों के साथ एसओएस पर समझौता हुआ है।
समझौते में मणिपुर की अखंडता बनाए रखने के साथ ही स्थायी शांति और स्थिरता लाने के लिए बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की जरूरत बल दिया गया है। इसमें मैतेयी समुदाय के प्रमुख आपत्तियों को भी ध्यान रखा गया है। इसके तहत कुकी गुटों को अपने कैंप को मैतेयी से सटे इलाकों से हटाकर दूर करना होगा। मैतेयी समुदाय का आरोप है कि इन कैंपों से कुकी गुटों से जुड़े लोग हमला करते हैं।
सभी कुकी गुटों को अपने-अपने कैडर को सुरक्षा बलों के सामने पेश कर सत्यापित करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसमें कोई विदेशी तो शामिल नहीं है। इसके साथ ही कुकी गुटों को अपने हथियारों को सीआरपीएफ और बीएसएफ के कैंपों के नजदीक जमा करने को कहा गया है, ताकि उनके इस्तेमाल पर निगरानी रखी जा सके। इन शर्तों की कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए संयुक्त निगरानी समूह बनाया जाएगा।
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