मणिपुर में आएगी शांति! केंद्र से बातचीत के बाद कुकी-जो परिषद NH 2 खोलने के लिए तैयार
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। मणिपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) जो रोजमर्रा की जिंदगी के लिए महत्वपूर्ण है फिर से खुलने जा रहा है। कुकी-जो काउंसिल ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद राजमार्ग पर लोगों और सामान की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का फैसला किया है। यह कदम मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति लाने में सहायक होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मणिपुर में रोजमर्रा की जिंदगी की रीढ़ कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (NH-2) को फिर से खोलने का ऐलान हो चुका है। कुकी-जो काउंसिल ने केंद्र सरकार के साथ लंबी बातचीत के बाद यह फैसला लिया है कि अब इस राजमार्ग पर लोगों और जरूरी सामान की आवाजाही बिना किसी रुकावट के होगी।
यह कदम मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।पिछले कई महीनों से मणिपुर में मैतेयी और कुकी-जो समुदायों के बीच तनाव के कारण यह राजमार्ग बंद था। इसकी वजह से न सिर्फ जरूरी सामान की सप्लाई रुकी, बल्कि आम लोगों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
अब कुकी-जो काउंसिल ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस रास्ते को खोलने का वादा किया है, ताकि मणिपुर के लोगों को राहत मिले।
केंद्र के साथ बातचीत के बाद निकला रास्ता
कुकी-जो काउंसिल और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के बीच नई दिल्ली में कई दौर की बातचीत हुई। इन बैठकों का मकसद था मणिपुर में तनाव को कम करना और जरूरी सामान की आपूर्ति को फिर से शुरू करना।
गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "कुकी-जो काउंसिल ने भारत सरकार की ओर से तैनात सुरक्षा बलों के साथ मिलकर NH-2 पर शांति बनाए रखने का वादा किया है।"
NH-2 मणिपुर को नगालैंड और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। मई 2023 से शुरू हुए मेइती-कुकी तनाव के कारण इस राजमार्ग पर आवाजाही ठप थी।
इस तनाव से न सिर्फ हिंसा पनपा, बल्कि हजारों लोग बेघर हो गए और राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए। अब इस राजमार्ग के खुलने से उम्मीद है कि जरूरी सामान की सप्लाई बढ़ेगी और राहत शिविरों में रह रहे लोगों को मदद मिलेगी।
क्या है त्रिपक्षीय समझौता?
इसी के साथ, गृह मंत्रालय, मणिपुर सरकार और कूकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) व यूनाइटेड पीपल्स फ्रंट (UPF) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता भी हुआ।
इस समझौते को 'सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस (SoO)' कहा गया, जिसमें नए नियम और शर्तें तय की गई हैं। यह समझौता एक साल के लिए लागू होगा।
इस समझौते में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने और शांति के लिए बातचीत से हल निकालने पर जोर दिया गया है। साथ ही, KNO और UPF ने अपने सात कैंपों को संघर्ष वाले इलाकों से हटाने, हथियारों को CRPF और BSF के कैंपों में जमा करने और विदेशी नागरिकों की जांच करने का वादा किया है।
(समाचार एजेंसी ANI इनपुट के साथ)
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