Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुष्कर्म के मामले में 51 दिन जेल में रहे शख्स को अदालत ने किया रिहा, महिला ने कहा- गलतफहमी हो गई

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 04:26 PM (IST)

    कोलकाता की अदालत ने बलात्कार के एक मामले में एक व्यक्ति को बरी कर दिया क्योंकि शिकायतकर्ता महिला ने कहा कि उसने ग़लतफ़हमी में शिकायत दर्ज कराई थी। 2020 में दर्ज मामले में व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था और अदालत से जमानत मिलने तक उसे 51 दिन जेल में बिताने पड़े।

    Hero Image
    बलात्कार के मामले में अदालत ने शख्स को किया रिहा।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता की एक अदालत ने बलात्कार के एक मामले में एक व्यक्ति को बरी कर दिया, क्योंकि शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया कि उसने किसी गलतफहमी के कारण शिकायत दर्ज कराई थी।

    24 नवंबर, 2020 को दर्ज मामले में उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था और अदालत की ओर से जमानत मिलने तक उसे 51 दिन जेल में बिताने पड़े। महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि वह 2017 से उस व्यक्ति के साथ रिश्ते में थी और उसने उससे शादी करने का वादा करके साल्ट लेक के एक होटल में उसके साथ रात बिताई थी, जहां उनके बीच शारीरिक संबंध बने थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक जेल में रहा शख्स

    उसने आरोप लगाया कि अगली सुबह उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया और भाग गया। एफआईआर के आधार पर, उस व्यक्ति को 25 नवंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और 14 जनवरी, 2021 को अदालत की ओर से जमानत दिए जाने तक वह जेल में था।

    महिला ने बाद में क्या किया दावा?

    आरोपी ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए खुद को निर्दोष बताया था। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, मामले की सुनवाई के दौरान महिला ने दावा किया कि पुरुष के साथ गलतफहमी के कारण उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उसे इसके अलावा कुछ भी याद नहीं है। महिला ने आगे कहा कि शिकायत उसके मित्र ने लिखी थी और बिना जाने कि उसमें क्या लिखा है, उस पर हस्ताक्षर कर दिए।

    अदालत ने क्या कहा?

    अदालत ने 28 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि शिकायतकर्ता के साक्ष्य से ऐसा प्रतीत होता है कि उसने व्यक्ति के खिलाफ एकमात्र आरोप यह लगाया था कि उसने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। अदालत ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष के किसी भी अन्य गवाह, महिला की मां, दादी और पड़ोसी ने पुरुष के खिलाफ आरोपों की पुष्टि नहीं की।

    जज ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि दो वयस्क व्यक्तियों ने सहमति से यौन संबंध बनाए।" उन्होंने कहा कि शिकायत अदालत के समक्ष साबित नहीं हुई और शिकायतकर्ता महिला ने अपने साक्ष्य के दौरान आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 417 (धोखाधड़ी) के तहत कोई आरोप नहीं लगाया।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- नौ साल बाद कोर्ट ने दिया रेप केस को झूठा करार, महिला के खिलाफ चलेगा मुकदमा

    comedy show banner
    comedy show banner