इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए खुद की मौत ड्रामा, अनजान शख्स को कार में लिफ्ट देकर उतारा मौत के घाट
महाराष्ट्र के लातूर में एक बैंक रिकवरी एजेंट ने 1 करोड़ की इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए एक हिचहाइकर को कार में जिंदा जला दिया। उसने ऐसा इसलिए किया ताकि लो ...और पढ़ें
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आरोपी गणेश चव्हाण ने घर का भारी लोन चुकाने के लिए मौत का नाटक रचने का प्लान बनाया। (फोटो सोर्स-X)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के लातूर में एक बैंक रिकवरी एजेंट ने 1 करोड़ की इंश्योरेंस पॉलिसी के लालच में इतना खौफनाक प्लान बनाया कि हर कोई दंग रह गया।
दरअसल उसने एक बेकसूर हिचहाइकर को कार में जिंदा जला दिया, ताकि दुनिया उसे मरा समझे। इस बीच उसका परिवार रोता रहा, लेकिन गर्लफ्रेंड को भेजे मैसेज ने सारा राज खोल दिया। पुलिस ने हत्यारे को पकड़ लिया है।
रविवार तड़के औसा तालुका में पुलिस को सूचना मिली कि एक कार पूरी तरह जल गई है और अंदर एक जली हुई लाश है। कार के मालिक से बात की तो पता चला कि गाड़ी उन्होंने अपने रिश्तेदार गणेश चव्हाण को दी थी। चव्हाण घर नहीं लौटा था और उसका फोन भी बंद था। पुलिस को लगा कि लाश चव्हाण की ही है।
लातूर एसपी अमोल तांबले ने बताया कि शुरुआती तथ्यों से यही लग रहा था कि मरने वाला चव्हाण है। परिवार को सूचना दी गई, सब शोक में डूब गए। लेकिन अगले दिन जांच में कुछ बातें खटकने लगीं।
गर्लफ्रेंड को भेजा मैसेज बना जांच का टर्निंग पॉइंट
पुलिस ने चव्हाण की पर्सनल लाइफ खंगाली तो पता चला कि उसका एक महिला से अफेयर है। जब उस महिला से पूछताछ हुई, तो बड़ा खुलासा हुआ। घटना के बाद चव्हाण दूसरे नंबर से उसे मैसेज कर रहा था और चैटिंग कर रहा था। इससे साफ हो गया कि चव्हाण जिंदा है। अब सवाल उठा कि कार में जली लाश किसकी है? फिर पुलिस ने दूसरे नंबर को ट्रैक किया। इसे ट्रैक करते हुए पुलिस कोल्हापुर पहुंची, फिर सिंधुदुर्ग के विजयदुर्ग में चव्हाण को गिरफ्तार कर लिया गया।
लालच में की गई क्रूर हत्या
पूछताछ में गणेश चव्हाण से सारा सच उगल दिया। उसने 1 करोड़ रुपये की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी। उसने बताया कि घर का भारी लोन चुकाने के लिए मौत का नाटक रचने का प्लान बनाया। इसके लिए उसे एक लाश चाहिए थी जो उस जैसी लगे।
इसी बीच शनिवार को औसा के तुलजापुर टी-जंक्शन पर उसने गोविंद यादव नाम के हिचहाइकर को लिफ्ट दी। यादव शराब के नशे में था, चव्हाण ने इसी मौके का फायदा उठाया। दोनों एक ढाबे पर रुके, खाना खाया। फिर वनवाड़ा पाटी-वनवाड़ा रोड पर कार रोकी और वारदात को अंजाम दे दिया।
कैसे वारदात को दिया अंजाम?
ढाबे पर खाना खाने के बाद यादव कार में सो गया था। चव्हाण ने उसे ड्राइवर की सीट पर घसीटा, सीटबेल्ट बांधी। फिर सीट पर माचिस की तीलियां और प्लास्टिक बैग रखकर आग लगा दी। पुलिस और परिवार को गुमराह करने के लिए अपना ब्रेसलेट लाश के पास छोड़ दिया था। आग लगने से कार जलकर खाक हो गई, लाश इतनी बुरी तरह जली कि पहचाना मुश्किल हो गया था।
पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया है। एसपी तांबले बोले कि जांच जारी है, देखा जाएगा कि चव्हाण का कोई साथी तो नहीं था।
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