EC vs TMC: गड़बड़ियों पर चुनाव आयोग को घेर रही ममता बनर्जी की पार्टी, अब सुधारों के भी खिलाफ हुई टीएमसी
मतदाता फोटो पहचान पत्र नंबरों को लेकर चुनाव आयोग को लंबे समय से घेरने में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। इनमें मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का मुद्दा भी शामिल है। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता फोटो पहचान पत्र ( ईपिक) नंबरों को लेकर चुनाव आयोग को लंबे समय से घेरने में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधारों के खिलाफ खड़ी हो गई है। इनमें मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने का मुद्दा भी शामिल है। जिसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को न सिर्फ आपत्ति जताई बल्कि इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की।
आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिया जवाब
वहीं आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को आश्वस्त किया कि ईपिक की गड़बड़ियां जल्द ठीक हो जाएगी। मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने में लोक प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पालन होगा। आयोग का स्पष्ट मानना है कि आधार से जोड़ने पर मतदाता पत्र में दोहराव कभी संभव ही नहीं होगा और फर्जी मतदाता भी नहीं बन सकेंगे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन परिसर से चुनाव आयोग के दफ्तर तक एक मार्च भी निकाला और ईपिक और मतदाता सूची से जुड़ी गड़बडि़यों के पीछे आयोग का हाथ बताया। तृणमूल सांसदों ने इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से भी मुलाकात की और उन्हें मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा।
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया
संसद में ईपिक गड़बड़ियों के मुद्दे पर चर्चा की लगातार मांग उठाने और वहां अनुमति न मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को यह नया पैंतरा अपनाया है। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य हाथों में नकली ईपिक लिखी तख्तियां लहराते दिखे।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि ईपिक का दोहराव बड़ा घोटाला है। चुनाव आयोग को इस घोटाले की तह तक जाना चाहिए। उन्होंने आयोग से ऐसे ईपिक की संख्या भी बताने को कहा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिया आश्वासन
आयोग से जुड़े सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त ने तृणमूल कांग्रेस नेताओं की बातों को ध्यान से सुना। साथ ही उन्हें ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियों को रोकने के लिए उठाए गए सुधार के कदमों से अवगत कराया। जिसमें अगले तीन महीने के भीतर ईपिक से जुड़ी गड़बड़ियां ठीक हो जाएंगी। उसकी जगह यूनिक ईपिक नंबर जारी करने की जानकारी दी।
आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है
आयोग के मुताबिक भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है जबकि आधार केवल एक व्यक्ति की पहचान स्थापित करता है। ईपिक को आधार से जोड़ने का फैसला लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23(4) (5) (6) के प्रावधानों व सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप ही किया जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।