TMC में नए-पुराने नेताओं के द्वंद्व को खत्म करना चाहती हैं ममता बनर्जी, फेरबदल के जरिए समाधान को कोशिश
ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में नए व पुराने नेताओं के द्वंद्व को खत्म करना चाहती हैं। माना जा रहा है कि इस कड़ी में ही उन्होंने बीते सोमवार को लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता पद से अपने वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को हटाकर उनके स्थान पर अपने भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को नियुक्त करने सहित कुछ अन्य फेरबदल के निर्णय किए हैं।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में नए व पुराने नेताओं के द्वंद्व को खत्म करना चाहती हैं।
सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को महत्वपूर्ण पद से हटाया
माना जा रहा है कि इस कड़ी में ही उन्होंने बीते सोमवार को लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता पद से अपने वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को हटाकर उनके स्थान पर अपने भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को नियुक्त करने सहित कुछ अन्य फेरबदल के निर्णय किए हैं।
नए व पुराने नेताओं के बीच खाई को पाटने की कोशिश
माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले ममता ने अभिषेक को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर नए व पुराने नेताओं के बीच खाई को पाटने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
2021 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी को मिली थी जीत
दरअसल 2021 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल की लगातार तीसरी बार बंपर जीत के बाद से ही तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव व पार्टी में दूसरे नंबर के नेता अभिषेक चाह रहे थे कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद की नीति लागू हो। पार्टी के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की सलाह पर अभिषेक इसे लागू कराना चाह रहे थे।
अभिषेक ने युवाओं को पार्टी में तरजीह देने और महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की लगातार वकालत करते हुए राजनीति में उम्र की एक सीमा तय करने की भी बात कही थी, जिस पर काफी विवाद हुआ था। करीब दो वर्ष पहले युवा और बुजुर्ग नेताओं के बीच बढ़ते विवाद के बीच ममता ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी तक भंग कर दी थी।
पार्टी के असंतुष्टों को सख्त संदेश
सोमवार को पार्टी सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक में ममता ने जब फेरबदल की घोषणा की, उसके कुछ देर बाद ही वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा में तृणमूल के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया।
मंगलवार को तृणमूल सुप्रीमो ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और उनके उत्तराधिकारी के नाम की भी घोषणा कर दी। जिसमें काकोली घोष दस्तीदार को नया मुख्य सचेतक और शताब्दी राय को लोकसभा में उपनेता नियुक्त किया गया है।
इससे ममता के मुखर सांसदों पर लगाम लगाने और असंतुष्टों को चेतावनी देने के संकल्प का संकेत मिलता है। कल्याण ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि सांसदों के बीच समन्वय की कमी के लिए उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।