कबूतरखाना और हाथी के मुद्दे पर गरमाई महाराष्ट्र की राजनीति, जानिए सीएम फडणवीस को क्यों देना पड़ा आश्वासन?
महाराष्ट्र में कबूतरखाना और हाथी का मामला गरमाया हुआ है। मुंबई में कबूतरखाने बंद करने के विरोध में जैन समाज ने प्रदर्शन किया तो कोल्हापुर में हाथी माधुरी को रेस्क्यू सेंटर भेजे जाने पर लोग उद्वेलित हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाथी को वापस लाने और कबूतरखानों के मामले में हल निकालने का आश्वासन दिया है।

जेएनएन, मुंबई। महाराष्ट्र में इन दिनों कबूतरखाना एवं हाथी का मुद्दा गरमाया हुआ है। मुंबई में 50 से अधिक कबूतर खाने बंद करने के विरोध में जैन समाज ने बुधवार को दादर कबूतरखाने के बाद बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, तो कोल्हापुर में नंदिनी मठ की हाथी माधुरी को जामनगर के वनतारा रेस्क्यू सेंटर में भेजे जाने को लेकर लोग उद्वेलित हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाथी को पुनः कोल्हापुर में लाने एवं मुंबई के कबूतरखानों को लेकर कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है।
कबूतरखानों को लेकर क्या है मामला?
मुंबई में चल रहे 50 से अधिक कबूतरखानों के कारण स्थानीय लोगों को होनेवाली स्वास्थ्य की समस्या को देखते हुए सरकार ने पहले सभी कबूतरखानों को बंद करने के निर्देश दिए थे। जिसके फलस्वरूप बीएमसी ने महानगर के सभी बड़े कबूतरखानों पर प्लास्टिक शीट्स डालकर वहां कबूतरों के आने और दाना डालने का रास्ता बंद कर दिया।
इन कबूतरों को नियमित दाना खिलानेवालों ने बीएमसी की इस कार्रवाई का विरोध किया, तो मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई महानगरपालिका का निर्देश दिए कि कबूतरों से होनेवाली बीमारी का अध्ययन करवाया जाए, और तब तक एक निश्चित समयावधि के भीतर कबूतरों को दाना डालने की अनुमति भी लोगों को दी जाए। लेकिन इसी बीच बुधवार सुबह बड़ी संख्या में दाना डालनेवाले लोग दादर कबूतरखाना के पास इकट्ठा हो गए, और कबूतरखाने पर बीएमसी द्वारा डाली गई प्लास्टिक शीट हटाकर वहां दाना डालने लगे।
वहां मौजूद बीएमसी कर्मचारियों से लोगों की कहासुनी भी होने लगी, तब पुलिस को हस्तक्षेप कर शांति कायम करनी पड़ी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन करनेवालों में जैन समाज के लोग अधिक थे। लेकिन जैन मठ ने इसका खंडन किया है। मठ का कहना है कि वह कानून-व्यवस्था का पालन करनेवाले लोग हैं। चूंकि यह मामला अदालत में है, इसलिए वह लोग सोमवार को आनेवाले अदालत के फैसले का इंतजार करेंगे।
कोल्हापुर में हाथी का मामला क्या है?
इसी प्रकार कोल्हापुर में एक जैन समाज के नंदिनी मठ के एक हाथी को जामनगर स्थित पशुओं के रेस्क्यू सेंटर ‘वनतारा’ ले जाए जाने के विरोध में पूरा कोल्हापुर शहर आंदोलित है। पिछले सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर वनतारा का स्टाफ कोल्हापुर आकर माधुरी को जामनगर ले गया। लेकिन माधुरी को कोल्हापुर से ले जाए जाते समय एवं उसके बाद भी लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है।
पूर्व सांसद राजू शेट्टी के नेतृत्त्व में 45 किमी. लंबा विरोध मार्च निकाला गया, और हाथी को वनतारा ले जाए जाने के विरोध में एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। चूंकि वनतारा का संबंध मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह से है, इसलिए विरोधस्वरूप कोल्हापुर के बहुत से लोगों ने अपना जियो मोबाइल नंबर भी सरेंडर कर दूसरी कंपनियों के सिमकार्ड भी लेने शुरू कर दिए हैं।
इस प्रकार हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को हस्तक्षेप करना पड़ा है। फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार माधुरी को नंदिनी मठ में वापस लाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। उन्होंने नंदिनी मठ एवं अन्य स्थानीय लोगों से सरकार का साथ देने की अपील की है।
उनका कहना है कि वह कोल्हापुर में ही एक केंद्र स्थापित करवाएंगे, ताकि नंदिनी मठ में ही माधुरी की बेहतर देखरेख की जा सके। स्थानीय लोगों की भावनाओं को देखते हुए वनतारा ने भी कोल्हापुर में ही माधुरी के लिए एक रेस्क्यू सेंटर खोलने का आश्वासन दिया है।
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