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    9 साल पहले ट्रैफिक पुलिसकर्मी को मारा था थप्पड़, अब कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा; जानिए पूरा मामला

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 07:57 PM (IST)

    महाराष्ट्र के ठाणे में एक अदालत ने 9 साल पुराने रोड रेज मामले में रमेश शिटकर को दोषी ठहराते हुए एक दिन की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। 2016 में कैडबरी सिग्नल पर ट्रैफिक कांस्टेबल दिलीप पवार के साथ बदतमीजी और मारपीट करने के आरोप में शिटकर को दोषी पाया गया।

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    दोषी पर 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, ठाणे। महाराष्ट्र की एक सेशन कोर्ट ने 9 साल पहले हुए रोड रेज के एक मामले में व्यक्ति को दोषी मानते हुए 1 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इसके पीछे व्यक्ति के स्वास्थ्य कारणों और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला दिया है।

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    इतना ही नहीं, दोषी पर 10 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। घटना 18 नवंबर 2016 को हुई थी। ठाणे के कैडबरी सिग्नल पर रमेश शिटकर तेज रफ्तार से कार चला रहा था। वहां तैनात ट्रैफिक पुलिस कांस्टेबल दिलीप पवार ने उसे रोकने की कोशिश की। शिटकर ने गाड़ी रोक दी और फिर कांस्टेबल के साथ बदतमीजी की।

    7 गवाहों की हुई पेशी

    रमेश शिटकर ने ट्रैफिक कांस्टेबल को गालियां दीं और उसे कई थप्पड़ मारे। राबोडी पुलिस स्टेशन में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। इस संबंध में 7 गवाहों की पेशी हुई और फिर रमेश शिटकर पर दोष तय किया गया। अदालत ने कहा कि यह साबित हो गया है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपना कर्तव्य निभा रहा था।

    कोर्ट ने रमेश शिटकर को भारतीय दंड संहिता की धारा 353 और 332 के तहत आपराधिक बल का प्रयोग करने और एक लोक सेवक को जानबूझकर चोट पहुँचाने का दोषी ठहराया। लेकिन अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश जीटी पवार ने कहा कि ट्रायल के दौरान आरोपी के आचरण, स्वास्थ्य समस्याओं और पारिवारिक जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए वह नरमी बरते जाने का हकदार है।

    बचाव पक्ष ने यह दलील दी कि शिटकर को एक रिक्शा चालक के साथ हुए विवाद के बाद फंसाया गया था, जबकि झगड़ा रोकने की कोशिश की थी। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया। इसके बाद रमेश शिटकर को एक दिन से साधारण कारावास की सजा सुनाई गई।

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