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    महाराष्ट्र: 200 लोगों ने 3 महीने तक किया यौन शोषण, 14 साल की बांग्लादेशी लड़की ने सुनाई दिल दहलाने देने वाली आपबीती

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 03:48 PM (IST)

    महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस ने 14 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की को सेक्स रैकेट से बचाया। पीड़िता ने बताया कि तीन महीनों में 200 से अधिक पुरुषों ने उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने नायगांव के एक फ्लैट पर छापा मारकर उसे बचाया और दस लोगों को गिरफ्तार किया। लड़की को पहले गुजरात ले जाया गया जहाँ उसका शोषण शुरू हुआ।

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    महाराष्ट्र के पालघर में बांग्लादेशी लड़की का रेस्क्यू। प्रतीकात्मक तस्वीर

    डिजिटल डेस्क, पालघर। महाराष्ट्र पुलिस ने पालघर में एक 14 साल की बांग्लादेशी लड़की को सेक्स रैकेट से आजाद कराया है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि तीन महीनों में कम से कम 200 पुरुषों ने उसका यौन शोषण किया। यह घटना इतनी भयावह है कि सुनकर रूह कांप जाए। पुलिस इस आरोप की जांच कर रही है।

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    लड़की को 26 जुलाई को नायगांव के एक फ्लैट से रेस्क्यू किया गया, जहां मिरा-भायंदर वसई-विरार पुलिस की एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने NGO एक्सोडस रोड इंडिया फाउंडेशन और हार्मनी फाउंडेशन के साथ मिलकर छापा मारा था।

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    रैकेट में 10 लोग गिरफ्तार

    इस रैकेट में अब तक दस लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर इस नाबालिग को बांग्लादेश से भारत लाने में मदद की। गिरफ्तार हुए लोगों में 6 आरोपी और 3 पीड़िताएं बांग्लादेशी नागरिक हैं, जिनमें 14 साल की पीड़िता भी शामिल है।

    ट्रैफिकिंग का खौफनाक सिलसिला

    लड़की ने पुलिस को बताया कि उसे पहले गुजरात के नदियाद ले जाया गया, जहां उसका यौन शोषण शुरू हुआ। हार्मनी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट अब्राहम मथाई ने बताया कि लड़की स्कूल में एक सब्जेक्ट में फेल हो गई थी, जिसके बाद वह घर से भाग गई। एक महिला ने उसका फायदा उठाया और उसे गैरकानूनी तरीके से भारत लाकर देह व्यापार में धकेल दिया। मथाई ने मांग की है कि उन 200 आरोपियों को ढूंढकर सख्त सजा दी जाए, जिन्होंने इस मासूम का शोषण किया।

    पुलिस को शक है कि लड़की को जबरन हार्मोनल इंजेक्शन दिए गए, ताकि उसे समय से पहले जवान दिखाया जा सके। मानवाधिकार कार्यकर्ता मधु शंकर ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां छोटे बच्चों को अगवा कर, रैकेट चलाने वालों के साथ रखा जाता है और फिर उन्हें कम उम्र में ही देह व्यापार में धकेल दिया जाता है।

    पुलिस की कार्रवाई और रैकेट का पर्दाफाश

    MBVV पुलिस कमिश्नर निकेत कौशिक ने कहा कि उनकी टीम इस पूरे रैकेट को उजागर करने और कमजोर नाबालिगों को सुरक्षित माहौल देने के लिए जी-जान से जुटी है। पुलिस ने बताया कि 26 जुलाई को नायगांव में पकड़े गए इस रैकेट की पीड़ितों को नवी मुंबई, पुणे, गुजरात, कर्नाटक और देश के कई हिस्सों में भेजा जाता था।

    मुख्य आरोपी मोहम्मद खालिद अब्दुल बापरी (33) को गिरफ्तार किया गया है, जो पीड़ितों को देह व्यापार के लिए अलग-अलग शहरों में भेजता था। इसके अलावा, जूबर हारून शेख (38) और शमीम गफर सरदार (39) जैसे एजेंट्स भी पकड़े गए हैं। पुलिस ने बताया कि नाबालिग को नशे की दवाइयां दी जाती थीं और गर्म चम्मच से दागकर उसे देह व्यापार में जबरन धकेला गया।

    कानूनी कार्रवाई और आगे की तहकीकात

    पुलिस ने इस मामले में कई शहरों में टीमें भेजी हैं ताकि रैकेट से जुड़े बाकी लोगों को पकड़ा जा सके। 27 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, POCSO एक्ट, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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