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    महाराष्ट्र की महिला डॉक्टर पर किस सांसद ने बनाया था दबाव? सुसाइड नोट में दो PA का भी नाम

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 12:46 PM (IST)

    महाराष्ट्र के सतारा में एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में एक पुलिस अधिकारी पर बलात्कार का आरोप लगाया गया है, साथ ही एक सांसद और उनके निजी सहायकों पर भी दबाव डालने का आरोप है। पीड़िता ने शारीरिक और मानसिक शोषण का भी जिक्र किया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

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    महाराष्ट्र महिला डॉक्टर आत्महत्या केस में नया मोड़

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सतारा में महिला डॉक्टर ने गुरुवार देर रात आत्महत्या कर ली। जो सतारा के फलटन उप-जिला अस्पताल में डॉक्टर थी। सुसाइड के पहले डॉक्टर ने चार पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में कई नामों का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी की गिरफ्तारी कर ली है।

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    महिला डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में एक पुलिस अधिकारी पर चार बार बलात्कार का आरोप लगाया है, जिसमें उसने बताया है कि पुलिस मामलों में आरोपियों के फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए उस पर दबाव डाला गया और मना करने पर उसे परेशान किया गया। उसने सुसाइड नोट में इस बात का भी जिक्र किया कि यह दबाव न केवल पुलिस अधिकारियों ने डाला, बल्कि एक मामले में तो एक सांसद और उनके दो निजी सहायकों ने भी दबाव डाला।

    पांच महीने से हो रही थी शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान

    सतारा के फलटण उप-जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत 26 वर्षीय महिला ने अपनी हथेली पर लिखा था कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने ने उसके साथ चार बार बलात्कार किया और पांच महीने से ज्यादा समय तक उसे मानसिक और शारीरिक शोषण का शिकार होना पड़ा। महिला पिछले 23 महीने से अस्पताल में कार्यरत थी और उसकी बॉन्ड अवधि पूरी होने में बस एक महीना बाकी था, जिसके बाद वह स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करना चाहती थी।

    एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सुसाइ़़ड नोट की एक प्रति में लिखा है कि पुलिस अधिकारियों ने उन पर आरोपियों के लिए फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डाला, जिनमें से कई को मेडिकल जांच के लिए भी नहीं लाया गया। जब उन्होंने इनकार किया, तो सब इंस्पेक्टर गोपाल बदने और अन्य लोगों ने उन्हें परेशान किया।

    अस्पताल में घुस आए थे सांसद के पीए

    सुसाइड नोट में एक खास घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि जब उन्होंने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था, तो एक सांसद के दो निजी सहायक अस्पताल में घुस आए थे। जिसने सांसद को फोन करके उनसे बात कराई थी और सांसद ने उन्हें परोक्ष रूप से धमकाया था। हालांकि, पुलिस ने सांसद के नाम का अभी तक खुलासा नहीं किया है। 

    शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

    इसी प्रकार के आरोप उसके चचेरे भाई ने भी लगाए थे। उसने बताया कि दो-तीन बार शिकायत की थी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) और पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। चचेरे भाई ने आगे बताया कि पत्र में उन्होंने पूछा था कि अगर उनके साथ कुछ हुआ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? उन्होंने परिसर में सुरक्षा की कमी की भी शिकायत की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्होंने डीएसपी को भी फोन किया, जिन्होंने कहा कि वह उन्हें वापस बुला लेंगे, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।


    फिलहाल बडने और बांकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है और पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कोल्हापुर संभाग के पुलिस महानिरीक्षक सुनील फुलारी ने बताया कि हम अब तक एकत्र साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं। सतारा जिले में मामला दर्ज किया गया है। मामले में शामिल पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।

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