तमिलनाडु: मद्रास हाईकोर्ट ने दिया सरकार का साथ, ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर बैन बरकरार
तमिलनाडु सरकार के द्वारा ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर लगाई गई रोक के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। गेमिंग कंपनियों ने सरकार के इस नियम को असंवैधानिक बताने की मांग की थी जिसे हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार के पास कानून बनाने का पूरा अधिकार है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन रियल मनी गेम्स पर रोक लगाई थी। सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। वहीं, मद्रास हाईकोर्ट ने भी सरकार के फैसले को सही ठहराया है।
बीते दिन मद्रास हाईकोर्ट के जज एस.एम.सुब्रमण्यम और के.राजशेखर की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान अदालत ने रियल मनी गेमिंग पर बनाए गए तमिलनाडु सरकार के नियमों को बरकरार रखने के आदेश दिए हैं।
मद्रास हाईकोर्ट का फैसला
मद्रास हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने कहा कि रियल मनी गेमिंग में हिस्सा लेने वाले यूजर्स का आधार सत्यापित करना आवश्यक होगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यूजर की उम्र 18 साल से अधिक है।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक के लिए ऑनलाइन रियल मनी गेम्स खेलने पर पाबंदी लगाई है। इसके लिए तमिलनाडु ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी (रियल मनी गेम्स), रेग्युलेशन 2025 लाया गया था। तमिलनाडु सरकार के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग में पैसे हारने के बाद 50 के लगभग लोगों ने आत्महत्या कर ली, जिसके कारण सरकार ने यह कड़ा कदम उठाने का फैसला किया।
अदालत ने नहीं मानी मांग
हालांकि, गेमिंग कंपनियों ने सरकार के इस नियम को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए इसे असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। मगर, मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका की मांग को सिरे से खारिज करते हुए सरकार के फैसले को सही बताया है। हाईकोर्ट का कहना है कि राज्य सरकार के द्वारा बनाए गए कानून को सिर्फ केंद्र सरकार ही देख सकती है।
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