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    'इतनी बेरहमी से तो हत्यारा भी नहीं मारता', सिक्योरिटी गार्ड की हिरासत में मौत पर मद्रास हाई कोर्ट की तीखी टिप्पणी

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 09:44 PM (IST)

    तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में सुरक्षा गार्ड अजित कुमार की हिरासत में मौत के मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अजित को जिस तरह पीटा गया वैसा तो कोई हत्यारा भी नहीं करेगा। अदालत ने जिला जज को जांच कर 8 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

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    तमिलनाडु में सिक्योरिटी गार्ड की हत्या पर मद्रास हाई कोर्ट सख्त। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में एक सिक्योरिटी गार्ड अजित कुमार की हिरासत में मौत के मामले में 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इस केस की सुनवाई मद्रास हाई कोर्ट में चल रही है। अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस तरह से अजित को पीटा गया, उस तरह से कोई हत्यारा भी हमला नहीं करेगा।

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    मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने जिला जज को आदेश दिया है कि वह जांच करें कि सुरक्षा गार्ड की मौत हिरासत में हत्या का मामला है या नहीं। जज को 8 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है, जबकि तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह जांच में सहायता के लिए सीसीटीवी फुटेज सहित सभी साक्ष्य सौंपे।

    जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा?

    पीठ ने टिप्पणी की, "अजित की मौत उसके पूरे शरीर पर गंभीर हमले के बाद हुई है। इस अदालत को लगता है कि एक हत्यारा भी इस तरह हमला नहीं करेगा।" अदालत ने यह भी कहा, "कुछ सबूत नष्ट कर दिए गए हैं। ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी ने सभी सबूत इकट्ठे नहीं किए हैं।"

    तमिलनाडु जैसे उच्च शिक्षित राज्य में इस तरह के मामले को खतरनाक बताते हुए हाई कोर्ट ने राज्य को वरिष्ठ अधिकारियों सहित सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया।

    अदालत ने पहले भी उठाए थे पुलिस के रवैये पर सवाल

    कोर्ट ने पहले कहा था, अजित की मौत तिरुपुवनम में हुई थी, जहां उसकी जांच की गई थी, लेकिन उसकी लाश को मदुरै क्यों ले जाया गया? क्या यह सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए किया गया था? किसने विशेष पुलिस दल को जांच का जिम्मा संभालने के लिए अधिकृत किया? आभूषण चोरी के कथित मामले में एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई, जिसके कारण उसे हिरासत में लिया गया? क्या पुलिस उसी तरह से प्रतिक्रिया करती अगर उनके परिवार का कोई सदस्य हिरासत में मर जाता?

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