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    मद्रास HC ने सेंथिल बालाजी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनाया खंडित फैसला, बड़ी बेंच में होगी सुनवाई

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Tue, 04 Jul 2023 11:06 AM (IST)

    Tamil Nadu News तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी एस मेगाला ने मद्रास हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने खंडित फैसला सुनाया है। अब इस याचिका को बड़ी बेंच के पास भेजा जाएगा। आपको बता दें कि मंत्री सेंथिल बालाजी को नकदी के बदले नौकरी देने के मामले में ईडी ने 14 जून को गिरफ्तार किया है।

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    14 जून से ईडी के हिरासत में सेंथिल बालाजी

    नई दिल्ली, एजेंसी। मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर खंडित फैसला सुनाया है। अब यह याचिका बड़ी बेंच को ट्रांसफर की जाएगी। दरअसल, नकदी के बदले नौकरी मामले में सेंथिल बालाजी ईडी की हिरासत में हैं।

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    14 जून से ईडी की हिरासत में सेंथिल बालाजी

    नौकरी के बदले नकदी मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी की पत्नी ने मद्रास हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका पर मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट की ओर से इस पर खंडित फैसला सुनाया गया है। अब इस याचिका को बड़ी बेंच को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि सेंथिल बालाजी 14 जून से ईडी की हिरासत में हैं।

    सुनवाई योग्य नहीं याचिका

    इससे पहले 27 जून को हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट में ईडी की ओर से बहस की थी। उस दौरान तुषार मेहता ने कहा कि सेंथिल बालाजी के पक्ष में यह याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है, क्योंकि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

    सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

    सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कहा है कि वो इस मामले को जल्द से जल्द तीन न्यायाधीशों के समक्ष रखें और याचिका पर नई पीठ द्वारा शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

    सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से किया इनकार

    एस मेगाला ने अपने पति सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी के छाती में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन 15 जून को मद्रास हाईकोर्ट ने सेंथिल बालाजी को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था।

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