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    राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल की गिरी छत, बाल-बाल बची बच्चों की जान

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 11:49 AM (IST)

    Shahdol School Roof Collapses शहडोल के बोडरी ग्राम पंचायत में एक सरकारी स्कूल की छत ढह गई। हादसे के वक़्त स्कूल में 33 बच्चे मौजूद थे जिन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल की जर्जर हालत के बारे में प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इमारत 25 साल पुरानी है।

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    एमपी के स्कूल में छत गिरने से बाल-बाल बची बच्चों की जान। प्रतीकात्मक तस्वीर

    जेएनएन, शहडोल। राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश के शहडोल में स्कूल की छत गिरने का मामला सामने आया है। हालांकि, हादसे के दौरान बच्चों ने भागकर किसी तरह जान बचा ली। किसी को कोई गंभीर चोट नहीं आई है। मगर इस हादसे के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।

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    स्कूल के शिक्षिकों का दावा है कि उन्होंने स्कूल की जर्जर अवस्था के बारे में प्रशासन को आगाह किया था, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।

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    भरभराकर गिरी छत

    यह मामला मध्य प्रदेश के शहडोल स्थित बोडरी ग्राम पंचायत के शासकीय प्राथमिक स्कूल का है। हादसे के दौरान स्कूल में लगभग एक से पांचवी कक्षा के 33 बच्चे मौजूद थे। स्कूल में कक्षा चल रही थी, तभी अचानक स्कूल की छत भरभराकर नीचे गिर गई।

    25 साल पुरानी इमारत

    छत गिरने से पहले बच्चों ने खतरे को भांप लिया और भागकर बाहर चले गए। तभी छत ढह गई। जानकारी के अनुसार, स्कूल की यह इमारत 1999-2000 में बनी थी। लगभग 25 साल बाद अब इमारत जर्जर होने लगी है। शिक्षकों ने पिछले साल छत की मरम्मत करवाई थी और साथ ही प्रशासन को पत्र लिखकर इमारत के खस्ता हाल की चेतावनी दी गई थी।

    प्रशासन ने किया नजरअंदाज

    शिक्षकों के अनुसार, छत में दरार आ गई थी। विभागीयों अधिकारियों को लिखित रूप में इसकी जानकारी दी गई थी। पत्र में बताया गया था कि किसी भी समय हादसा हो सकता है। मगर प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना के बाद बच्चों में डर का माहौल है। माता-पिता भी बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं।

    निजी इमारत से चलेंगी कक्षाएं

    शहडोल के अधिकारियों का कहना है कि मामला अब जानकारी में आया है, इसपर जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। स्कूल का मरम्मत का काम पूरा होने तक कक्षाएं एक निजी इमारत से संचालित की जाएंगी।

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