मां वैष्णो देवी यात्रा मार्ग भूस्खलन से होंगे सुरक्षित
श्राइन बोर्ड के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यात्रा मार्ग पर भूस्खलन रोकने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम शुरू हो गया है। ...और पढ़ें

जम्मू (राहुल शर्मा)। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग जल्द ही भूस्खलन से सुरक्षित होंगे। पवित्र गुफा की ओर जाने वाले दोनों मार्गों पर ऐसे 33 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहां भूस्खलन की आशंका सबसे अधिक रहती है। यही नहीं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के तहत भी दो स्थानों पर भूस्खलन रोकने का काम किया जाएगा। श्राइन बोर्ड ने इस पर काम शुरू कर दिया है। टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को इसका जिम्मा सौंपा गया है। श्राइन बोर्ड के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यात्रा मार्ग पर भूस्खलन रोकने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम शुरू हो गया है। विशेषज्ञ कंपनी को काम का जिम्मा सौंपा गया है, जो पहले भी ऐसे कई स्थानों पर काम कर चुकी है।
कई चरणों में हो रहा काम : पहले चरण में 20 करोड़ की लागत से पांच स्थानों पर भूस्खलन रोकने के लिए काम पूरा हो गया है। दूसरे चरण में सात जगहों पर काम करवाया जा रहा है। इस पर 17 करोड़ रुपये खर्च आएगा। इन सात स्थानों में ताराकोट मार्ग भी शामिल है।
21 स्थानों के लिए डीपीआर हो रही तैयार : दोनों यात्रा मार्ग पर शेष 21 स्थानों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। यह काम भी दो चरणों में किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यक्रम के तहत भी दो और स्थानों पर भूस्खलन रोकने के लिए काम होगा। विशेषज्ञों ने किया पूरे मार्ग का सर्वे जियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया, टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और श्राइन बोर्ड के विशेषज्ञों ने काम शुरू करने से पहले पूरे मार्ग का सर्वे किया। इस तकनीक से त्रिकुटा पहाड़ियों को सुरक्षित बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्यपाल एनएन वोहरा स्वयं गंभीर हैं। वह हर महीने इसकी रिपोर्ट मंगवाते हैं और बोर्ड के अधिकारियों से चर्चा भी करते हैं।
ज्ञात हो, मां वैष्णो देवी के दोनों मार्गों पर हर साल भूस्खलन से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी साल जून में यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। 2016 में भी भूस्खलन के कारण आठ लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, जबकि कई श्रद्धालु घायल हो गए। भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग घंटों बाधित भी रहा था।
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