सेना मुख्यालय के नए सैन्य सचिव बने लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, भारत-चीन विवाद में निभाई अहम भूमिका
पूर्व फायर एंड फ्यूरी कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन को सेना मुख्यालय में नए सैन्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। सैन्य सचिव सेनाध्यक्ष के प्रधान स्टाफ अधिकारियों में से एक है। मेनन को सिख रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में कमीशन किया गया था

नई दिल्ली, एएनआइ। पूर्व फायर एंड फ्यूरी कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन को सेना मुख्यालय में नए सैन्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। सेना मुख्यालय में सैन्य सचिव की शाखा भारतीय सेना के पूरे अधिकारी संवर्ग की पदोन्नति और पोस्टिंग के लिए जिम्मेदार है। सैन्य सचिव सेनाध्यक्ष के प्रधान स्टाफ अधिकारियों में से एक है। भारतीय सेना में 40,000 से अधिक अधिकारी हैं।
सिख रेजिमेंट के कर्नल कमांडेंट रह चुके जनरल मेनन
लेफ्टिनेंट जनरल मेनन को सिख रेजिमेंट की 17वीं बटालियन में कमीशन किया गया था और वह सिख रेजिमेंट के कर्नल कमांडेंट भी हैं। 2008 में वह सेना के तीसरे डिवीजन में कर्नल जीएस (जनरल स्टाफ) थे, जो लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की देखभाल करता है और वर्तमान में चीन के साथ गतिरोध में उलझा हुआ है।
एक मेजर जनरल के रूप में मेनन ने पूर्वी कमान में पूर्वी तवांग में 71 डिवीजन की कमान संभाली हुई है। लगभग 14 महीने के जनरल मेनन के कार्यकाल के दौरान पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन कई घर्षण बिंदुओं से अलग होने पर सहमत हुए।
क्यों है भारत-चीन में विवाद
आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल को लेकर विवाद है। एक मई 2020 को भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में झड़प हुई थी। इसमें दोनों देश के कई सैनिक घायल हुए थे। इसके बाद 15 जून को एक बार फिर दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई थी और इस झड़प में भी दोनों देशों के कई सैनिकों की मौत हुई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत हुई। तनाव को सुलझाने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों में अब तक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक बातचीत का कोई परिणाम निकलकर सामने नहीं आया है।

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