Mobile Tracking: अब खोया हुआ फोन कुरियर से मिलेगा वापस, मोबाइल ट्रैक करना हुआ आसान; जानिए क्या है पूरा प्रोसेस
हमारे देश में मोबाइल चोरी और छिनैती की घटनाएं आम हैं। खास बात यह है कि अब लोगों के चोरी हुए मोबाइल या खो गए मोबाइल कूरियर से वापस लौटाए जा रहे हैं। देश में अब तक हजारों लोगों को अपने मोबाइल वापस मिल चुके हैं। क्या आपको मोबाइल भी चोरी हुआ है अगर हां तो यहां पढ़ें कि मोबाइल वापस पाने के लिए क्या करना होगा...

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में मोबाइल चोरी और छिनैती की घटनाएं बेहद आम हैं। लोग मोबाइल चोरी होने के बाद पुलिस चौकी अथवा थाने जाकर शिकायत दर्ज करवा ते हैं,लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। शायद ही किसी का मोबाइल वापस मिला हो, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
अब चोरी हुए मोबाइल कूरियर के जरिए फोन मालिकों तक पहुंचाए जा रहे हैं। 2023 में चोरी हुए कई मोबाइल कुरियर से उनके मालिकों तक भेजे गए हैं। देश भर में ऐसे लाखों कुरियर अलग-अलग पुलिस स्टेशनों और फोन मालिकों को मिल रहे हैं। आखिर यह कैसे हो रहा है और क्यों हो रहा है, क्या है पूरा मामला? आइए बताते हैं...
दरअसल, चोरी के मोबाइल उनके मालिकों तक पहुंचाना दूरसंचार विभाग ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (Central Equipment Identity Register-CEIR) पोर्टल के कारण हो रहा है।
इस पोर्टल के जरिए दूरसंचार विभाग ने चोरी या छीने गए मोबाइल फोन को ट्रैक करना बेहद आसान कर दिया है। यह भारत सरकार की ओर से संचालित एक पोर्टल है, जहां आईएमईआई नंबर के जरिए चोरी हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करता है।
केस नंबर-1
मध्य प्रदेश के मुरैना के रहने वाले 37 वर्षीय गौरव दुबे पिछले साल नवंबर में अपने परिचित से अच्छे खासे डिस्काउंट पर एक मोबाइल फोन खरीदा था। इस दौरान उन्होंने मोबाइल के फीचर्स, उसकी स्थिति और बैटरी लाइफ समेत अन्य चीजों के बारे में पता किया, लेकिन मोबाइल कितना पुराना है और किसका है, इस पर न कुछ पूछा और न कुछ डिस्कस किया। कुछ महीने बाद उनको वो मोबाइल अपने परिचित को लौटना पड़ा।
केस नंबर-2
गौरव दुबे की तरह ही 35 वर्षीय पुलवामा निवासी एक व्यक्ति ने छह महीने पहले एक स्थानीय दुकान से भारी डिस्काउंट पर मोबाइल खरीदा। मोबाइल की स्थिति, फीचर्स और बैटरी लाइफ सब शानदार थी, इसलिए उन्होंने बैकग्राउंड नहीं खंगाला। एक महीने बाद पुलवामा निवासी शख्स को पता चला कि यह मोबाइल गाजियाबाद निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर रंजीत झा का है।
रंजीत झा मोबाइल चोरी की घटना को याद करते हुए बताते हैं कि यह घटना 16 अक्टूबर, 2023 की है। वह अपने घर से दिल्ली एक जॉब इंटरव्यू के लिए जा रहे थे। वे मेट्रो तक पहुंचने के लिए एक ऑटो में बैठ गए।
इसी दौरान उनके पिता का कॉल आया। उन्होंने पिता से बात करने के बाद मोबाइल हाथ में पकड़ रखा था, मोबाइल को जेब में नहीं रखा था। उस वक्त उनका पूरा ध्यान इंटरव्यू पर था। इसी बीच उनके हाथ से फोन छीन लिया गया। खैर, बाद में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
गाजियाबाद में चोरी हुआ फोन जम्मू-कश्मीर में मिला
रंजीत झा की शिकायत को CEIR पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया। मार्च 2024 में आईएमईआई नंबर को ट्रैक कर जिन मोबाइल फोन को बरामद किया गया, उनमें रंजीत का भी मोबाइल था। मोबाइल में जम्मू-कश्मीर में रजिस्टर्ड एक सिम कार्ड था। मोबाइल में जो नई सिम थी, उसका नंबर पुलिस को मिला तो गाजियाबाद पुलिस ने कॉल किया।
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलवामा निवासी मोबाइल यूजर ने बताया, कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अफसर बताया। कहा कि वह जो मोबाइल यूज कर रहा है, वो चोरी का है। यह सुनकर मैं हैरान रह गया, लेकिन मैं मानने को तैयार नहीं था, क्योंकि मैंने यह मोबाइल अपने यहां एक स्थानीय शॉप से खरीदा था।
मेरे पास मोबाइल का बिल भी है। कॉल कट होने के बाद मैंने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और पूछा- क्या जो कॉल पर उनको बताया गया है, इसको वेरिफाई कर सकते हैं?
स्थानीय पुलिस ने अपने स्तर पर जांच के बाद कंफर्म किया कि हां, यह चोरी का मोबाइल है। तब मैंने मोबाइल को लौटाने का फैसला लिया। गाजियाबाद पुलिस ने सुझाव दिया कि वह मोबाइल उनको कूरियर कर सकते हैं, इसके बाद मैंने मोबाइल कूरियर से भिजवाया।
अब तक कूरियर से कितने मोबाइल वापस आए?
भारत के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर के ज़रिए गाजियाबाद पुलिस को चोरी किए गए फोन वापस भेजे। ये लगभग 1,200 मोबाइल में से थे जिन्हें आम तौर पर स्नैचरों ने चुराया था और उन्हें ग्रे मार्केट में बेच दिया था या पिछले दो सालों में मालिकों द्वारा खोए गए फोन बरामद किए गए थे।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, देश भर के अलग-अलग हिस्सों से 70 लोगों ने कूरियर कर चोरी के मोबाइल वापस भेजे हैं। ये 70 मोबाइल उन 1200 मोबाइल में से हैं, जिन्हें छिनैतों ने छीन लिया था या चोरी कर लिया था या फिर पिछले दो सालों में फोन मालिकों से खो गए थे।
चोरी हुए कुल कितने मोबाइल वापस मिले?
क्रम | राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | मोबाइल ब्लॉक | मोबाइल ट्रेस | मोबाइल रिकवर |
1 | अंडमान और निकोबार | 1,126 | 731 | 418 |
2 | आंध्र प्रदेश | 1,11,438 | 68,871 | 24,272 |
3 | अरुणाचल प्रदेश | 5,029 | 3,738 | 1,537 |
4 | असम | 31,488 | 21,867 | 7,261 |
5 | बिहार | 44,702 | 30,103 | 3,345 |
6 | चंडीगढ़ | 1,900 | 1,208 | 141 |
7 | छत्तीसगढ़ | 85,023 | 58,918 | 19,185 |
8 | दादरा नगर हवेली व दमण दीव | 2,644 | 1,820 | 399 |
9 | गोवा | 8,074 | 4,919 | 831 |
10 | गुजरात | 97,265 | 56,878 | 21,352 |
11 | हरियाणा | 53,241 | 33,356 | 7,491 |
12 | हिमाचल | 15,846 | 10,886 | 3,580 |
13 | जम्मू-कश्मीर | 10,120 | 6310 | 2,252 |
14 | झारखंड | 14,309 | 9,240 | 1,164 |
15 | कर्नाटक | 3,82,204 | 2,06,041 | 78,665 |
16 | केरल | 50,153 | 31,972 | 6,894 |
17 | कोलकाता | 12,643 | 4,504 | 978 |
18 | लद्दाख | 285 | 181 | 71 |
19 | मध्य प्रदेश | 1,00,526 | 63,382 | 19,372 |
20 | महाराष्ट्र | 4,08,475 | 2,31,351 | 44,128 |
21 | मणिपुर | 185 | 94 | 27 |
22 | मेघालय | 4,441 | 3209 | 1,122 |
23 | मिजोरम | 1,897 | 1,211 | 456 |
24 | नगालैंंड | 529 | 392 | 48 |
25 | दिल्ली | 7,79,705 | 4,98,965 | 9,032 |
26 | ओडिशा | 15,286 | 10,261 | 1,157 |
27 | पुदुचेरी | 5,678 | 3,617 | 1,233 |
28 | पंजाब | 83,710 | 58,137 | 5,948 |
29 | राजस्थान | 98,908 | 65,598 | 26,638 |
30 | सिक्किम | 1,251 | 825 | 209 |
31 | तमिलनाडु | 1,32,543 | 77,907 | 25,952 |
32 | तेलंगाना | 3,40,094 | 1,89,970 | 79,028 |
33 | त्रिपुरा | 1,124 | 733 | 84 |
34 | लक्षद्वीप | 11 | 5 | 2 |
35 | उत्तर प्रदेश | 1,85,156 | 1,15,349 | 28,891 |
36 | उत्तराखंड | 16,057 | 9,940 | 1,753 |
37 | पश्चिम बंगाल | 1,22,852 | 67,163 | 11,455 |
38 |
मोबाइल वापस मिलने की नहीं थी उम्मीद
गाजियाबाद में चोरी हुए 1200 मोबाइल में से एक विनोद कुमार गुप्ता का भी था। विनोद कुमार गुप्ता का मोबाइल अगस्त 2023 में चोरी हुआ था। वह बताते हैं कि कौशांबी से लालकुआं बस से जा रहे थे। बस में उनको झपकी आ गई, जब आंख खुली तो मोबाइल गायब था। कंडक्टर को इसकी जानकारी दी। बस में सबकी तलाशी भी ली गई, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। इसके पुलिस स्टेशन जाकर एफआईआर दर्ज कराई थी।
गुप्ता बताते हैं कि अगर सच कहूं तो मोबाइल वापस मिल जाएगी, इसकी जरा भी उम्मीद नहीं थी। वह अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड जैसे सभी जरूरी दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी और बैंकिंग एप लॉगिन होने को लेकर चिंतित थे।
खैर, वक्त के साथ चिंता भी कम होने लगी थी, लेकिन इस साल 13 अप्रैल को मुझे मेरा मोबाइल वापस मिल गया। यह पहली बार जब मुझे लगा कि पुलिस अपना काम बखूबी कर रही है। उनका मोबाइल भटिंडा से कूरियर किया गया।
पुलिस का कॉल आया तो मोबाइल कूरियर किया
भटिंडा निवासी गुप्ता के मोबाइल को यूज करने वाला शख्स बताता है, मेरा भाई दिसंबर, 2023 में दिल्ली गया था। वहां एक दुकान से यह मोबाइल खरीदा था। जब गाजियाबाद पुलिस का कॉल आया और कहा कि यह मोबाइल चोरी का है तो शुरुआत में मुझे लगा कि यह कोई साइबर फ्रॉड करने वाले शख्स की कॉल है, क्योंकि मोबाइल को यूज करते हुए साल से ज्यादा का समय बीत चुका था।
फिर मैंने यूपी पुलिस की वेबसाइट पर अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी और मोबाइल नंबर वेरीफाई किया। मोबाइल नंबर वेबसाइट पर दिया हुआ था। जब मुझे यकीन हुआ कि यह गाजियाबाद पुलिस की ओर से कॉल थी। उसके बाद मैंने अपने परिवार को पूरी बात बताई। मेरी फैमिली ने मोबाइल वापस करने की सलाह दी। इसके बाद मैंने मोबाइल कूरियर कर पुलिस के पास भेजा।
क्या चोरी हुए मोबाइल को ट्रैक करना आसान है?
दूरसंचार विभाग के सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर यानी CEIR पोर्टल की वजह से अब खोए या चोरी हुए मोबाइल की ट्रैकिंग आसान हो गई है। हां, इसके लिए जरूरी यह है कि आईएमईआई (IMEI) नंबर से छेड़छाड़ न हुई हो। अगर IMEI नंबर से tampered (छेड़छाड़) कर दिया तो ट्रैकिंग नहीं हो पाएगी।
गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, हर साल लाखों चोरी किए गए मोबाइल IMEI नंबर tampered किए बिना ही बेच दिए जाते हैं, ऐसे मोबाइल फोनों को ट्रेस किया जा रहा है।
अब कितने मोबाइल वापस मिले?
अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो देखेंगे कि CEIR पोर्टल 16 मई, 2023 से लेकर अब तक 50 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन के चोरी या खोने की शिकायत CEIR पोर्टल पर रजिस्टर की गई है। इनमें से 32 लाख 27 हजार 542 को ब्लॉक किया गया है, जबकि 19 लाख 50 हजार 480 मोबाइल फोन का पता लगा लिया गया। हालांकि, देश भर रिकवरी सिर्फ साढ़े चार लाख मोबाइल फोन की ही हो सकी है।
CEIR पर कैसे ट्रेस करे मोबाइल?
- CEIR की वेबसाइटceir.gov.in पर लॉगिन करें।
- ब्लॉक योर मोबाइल विकल्प पर क्लिक करें, IMEI नंबर समेत डिटेल फिल करें।
- पुलिस में शिकायत करते वक्त जो एफआईआर दर्ज की हो, उसकी कॉपी अपलोड करें।
- सबमिट का बटन दबाकर अपने मोबाइल को ब्लॉक करें ताकि मिसयूज न हो सके।
- शिकायत की स्थिति जानने के लिए पोर्टल पर 'चेक स्टेटस' के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अगर मोबाइल मिल जाता है तो CEIR के पोर्टल पर फोन को अनब्लॉक करें।
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Source:
- CEIT पोर्टल- ceir.gov.in
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