लॉकडाउन में हर जोन के लिए 21 दिन होंगे काफी अहम, इसमें तय होगा छूट मिलेगी या हटेगी
देश में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ाने के साथ ही देश के सभी जिलों को तीन विभिन्न जोन में बांटा गया है। इन जोन में बदलाव के लिए 21 दिन काफी अहम होंगे।
नई दिल्ली। देश में जारी कोरोना वायरस के कहर के बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को 17 मार्च तक बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत पूरे देश के जिलों को रेड, ग्रीन और ओरेंज जोन में बांटा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को खत्म करने के लिए ये कदम काफी अहम है। आपको बता दें कि इस फैसले को लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस बारे में चर्चा की थी। इस अहम चर्चा में ज्यादातर का मानना था कि इसकी चेन को तोड़े बिना इसके बढ़ते मामलों पर लगाम लगाना मुश्किल होगा। ये चेन तभी टूट सकेगी जब लॉकडाउन की अवधि को कुछ और आगे बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है। आपको बता दें कि रेड जोन इलाका कोरोना वायरस का सबसे खतरनाक जोन माना गया है जबकि ओरेंज उससे कम और ग्रीन जोन जहां पर कोई भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। सरकार ने इसके लिए जो रोड़मैप तैयार किया है उसमें 21 दिन काफी अहम हैं।
इस रोड़मैप के तहत जो जिले रेड जोन में आते हैं, वहां लॉकडाउन के बाद भी किसी भी प्रकार का ढील नहीं दी जाएगी। दूसरी तरफ ऑरेंज जोन में आने वाले इलाकों में लोगों को सशर्त घर से बाहर निकलने की इजाजत दी जाएगी। ग्रीन जोन वाले जिलों में लोगों को छूट तो होगी लेकिन यहां पर भी कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होगा। इसमें एक दूसरे व्यक्ति से दूरी बनाए रखना, भीड़ एकत्रित न करना, मुंह पर मास्क लगाना आदि शामिल है। ऐसे इलाकों में संक्रमण न पनपने पाए इसको सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए सभी नियमों को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा।अ
रेड जोन से ओरेंज जोन बनने की प्रक्रिया में 21 दिन काफी अहम होंगे। प्रशासन इस बात को तय करेगा कि बीते 21 दिनों में यदि उक्त जिले से कोई मामला नहीं आया है तो उसको रेड जोन से हटाकर ओरेंज जोन में डाल दे। वहीं यदि ओरेंज जोन में इन 21 दिनों के दौरान मामले बढ़ते दिखाई दिए तो इन्हें रेड जोन में शामिल किया जाएगा। यही नियम ग्रीन जोन पर भी लागू होगा। ओरेंज से रेड जोन में आने वाले इलाकों में पहले सशर्त दी गई इजाजत को वापस ले लिया जाएगा और उन्हें घरों में ही रहना होगा।
नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय गृह सचिव प्रीति सूडान ने साफ कर दिया है कि किसी जिले को तभी ग्रीन जोन माना जाएगा जब वहां पिछले 21 दिनों में कोरोना का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया हो। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे चिन्हित किए गए रेड और ऑरेंज जोन जिलों में कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का परिसीमन करें और उन्हें सूचित करें।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है।