PM In Chitrakoot: आइए जानते हैं श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के बारे में जहां आज पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चित्रकूट पहुंचे हैं। पवित्र मंदाकिनी नदी के तट पर बसे इस छोटे से शहर में आज जगह-जगह प्रधानमंत्री के आगमन की चर्चा हो रही है। चित्रकूट के विकास और यहां के लोगों के जीवन यापन में सद्गुरु सेवा ट्रस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है। गुजरात के उद्योगपति अरविंद जी मफतलाल संत रणछोड़ दास महाराज से बहुत प्रभावित थे।

ऑनलाइन डेस्क, चित्रकूट (मध्य प्रदेश)। भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन हुआ। पवित्र मंदाकिनी नदी के तट पर बसे इस छोटे से शहर में आज जगह-जगह प्रधानमंत्री के आगमन की चर्चा होती रही।
वनवास के दौरान भगवान श्री राम, पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ करीब साढ़े 11 साल तक चित्रकूट में रहे। चित्रकूट के विकास और यहां के लोगों के जीवन यापन में सद्गुरु सेवा ट्रस्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है।
गुजरात के उद्योगपति अरविंद जी मफतलाल संत रणछोड़ दास महाराज से बहुत प्रभावित थे।
रणछोड़ दास महाराज से प्रभावित थे अरविंद
संत रणछोड़ दास को चित्रकूट में सिद्धि (हनुमान जी की कृपा) प्राप्त हुई थी। अरविंद जी मफतलाल रणछोड़ दास महाराज से काफी प्रभावित थे। अरविंद जी की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने रणछोड़ दास जी महाराज से प्रार्थना की।
स्थानीय निवासी अशोक कुमार का कहना है कि संतरण सूरदास जी महाराज के आशीर्वाद से अरविंद जी मफतलाल को संतान सुख की प्राप्ति हुई। कन्या का जन्म हुआ परंतु उसकी आंखों में रोशनी नहीं थी। संत रणछोड़ दास ने उन्हें नेत्रदान यज्ञ प्रारंभ करने के लिए कहा।
उन्होंने आशीर्वाद दिया कि आप दूसरों को नेत्र ज्योति दें आपकी बेटी ‘तारा‘ की आंखों में भी रोशनी आ जाएगी। उस समय अरविंद जी मफतलाल ने सट्टा लगाकर चित्रकूट में मंदाकिनी नदी से चंद कदम दूर नेत्र रोगियों के जांच और उपचार की व्यवस्था शुरू कराई।
सट्टे से शुरू हुआ अस्पताल आज दुनिया का प्रसिद्ध अस्पताल है
बता दें कि सट्टे से शुरू हुआ अस्पताल आज दुनिया के प्रसिद्ध नेत्र अस्पतालों में शामिल है। देशभर से रोजाना हजारों मरीज यहां इलाज कराने आते हैं। श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट परिसर में संत रणछोड़ दास जी महाराज की समाधि बनाई गई है।
ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल, गौशाला समेत अन्य संस्थाओं के हजारों कर्मचारी समाधि पर नमन करने के बाद ही ड्यूटी की शुरुआत करते हैं। स्थानीय नागरिक अशोक कुमार बताते हैं कि संत रणछोड़ दास जी महाराज के आशीर्वाद और अरविंद जी मफतलाल के सेवा कार्यों और के कारण उनकी बेटी तारा की आंखों की रोशनी लौट आई थी।
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