जनरल जोरावर सिंह की याद में आयोजित हुई संगोष्ठी, CLAWS में चेयर ऑफ एक्सिलेंस की हुई स्थापना
भारतीय सेना की जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट ने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज के सहयोग से गुरुवार को दिल्ली कैंटोनमेंट के मानेकशॉ सेंटर में जनरल जोरावर सिंह की याद में संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में भारत के सबसे महान सैन्य कमांडरों में से एक माने जाने वाले जनरल जोरावर सिंह की महान सैन्य उपलब्धियों और स्थायी विरासत को याद किया गया।
पीटीआई, नई दिल्ली। महान जनरल जोरावर सिंह की विरासत की याद में चेयर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किया गया है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को जनरल जोरावर सिंह की विरासत को याद किया।
रणनीतिक प्रतिभा वाले, पहाड़ी इलाकों वाले युद्ध के उस्ताद जनरल जोरावर सिंह ने तिब्बत क्षेत्र में कई ऐतिहासिक अभियानों का नेतृत्व किया था। दिल्ली छावनी के मानेकशा सेंटर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट और सीएलएडब्ल्यूएस ने जोरावर सिंह के जीवन और विरासत पर संगोष्ठी का आयोजन किया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी हुए शामिल
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सीएलएडब्ल्यूएस) में उनके सम्मान में 'उत्कृष्टता पीठ' या चेयर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किए जाने की घोषणा की गई।
'उत्कृष्टता पीठ' की स्थापना जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट ने की है। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर राइफल्स और लद्दाख स्काउट्स के 'कर्नल आफ द रेजिमेंट' लेफ्टिनेंट जनरल एमपी सिंह ने कहा कि जनरल जोरावर 'अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में होने वाले युद्ध' में अपनी नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते थे। जनरल जोरावर सिंह का जन्म 1786 में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुआ था।
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