'खाना भी मुश्किल से मिल रहा', लद्दाख में कर्फ्यू के बाद बिगड़े हालात; पर्यटन पूरी तरह से ठप
लद्दाख का पर्यटन उद्योग मुश्किलों से जूझ रहा है। लेह में हुए प्रदर्शनों और सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के कारण स्थिति और भी खराब हो गई है। पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई थी लेकिन हालिया प्रदर्शनों ने बुकिंग रद्द करा दी हैं। लेह में कर्फ्यू लगने से कई पर्यटक फंस गए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख का पर्यटन उद्योग इस समय बड़ी मुश्किल में है। लेह में हाल ही में हुए प्रदर्शनों और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद हालात और बिगड़ गए। पहले से ही अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या घट गई थी, लेकिन पिछले हफ्ते हुए प्रदर्शनों के कारण और भी ज्यादा बुकिंग रद हो गई है।
24 सितंबर को लेह शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया। इस वजह से कई सैलानी वहां फंस गए हैं और परेशानियों का सामना कर रहे हैं। 24 सितंबर को लेह एपेक्स बॉडी से जुड़े एक संगठन ने बंद बुलाया था। इस दौरान झड़पें हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
इंटरनेट सेवा भी बंद
स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू के साथ-साथ मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी। इससे व्यापार और पर्यटन दोनों पर गहरा असर पड़ा है। स्थानीय होटल प्रबंधक नसीब सिंह ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से हर दिन अग्रिम बुकिंग कैंसिल हो रही है और सामान की भी कमी हो गई है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने 10 साल के अनुभव में लेह में ऐसा माहौल पहली बार देखा है। स्थानीय ट्रांसपोर्टर रिगजिन डोरजे ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही लद्दाख में पर्यटन ठप पड़ा था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद धीरे-धीरे सैलानी लौटने लगे थे, लेकिन बुधवार की घटना ने एक बार फिर हालात बिगाड़ दिए।
खाना खरीदना भी हुआ मुश्किल
एक होटल मालिक ने बताय कि हर दिन का असमंजस हजारों परिवारों की कमाई छीन रहा है। ताइवान से आई सैलानी शीना ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि लद्दाख घूमने आएंगी, लेकिन यहां पहुंचते ही बाजार बंद मिले और खाना तक खरीदना मुश्किल हो गया।
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