लद्दाख मुद्दों पर बातचीत के लिए केंद्र के दरवाजे हमेशा खुले, गृह मंत्रालय ने वार्ता के लिए किया आमंत्रित
गृह मंत्रालय ने कहा है कि लद्दाख के मुद्दों पर लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ बातचीत के लिए केंद्र हमेशा तैयार है। मंत्रालय ने भरोसा जताया कि लगातार संवाद से सकारात्मक नतीजे मिलेंगे भले ही एलएबी ने बातचीत से दूर रहने की घोषणा की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि लद्दाख के मुद्दों पर लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ बातचीत के लिए केंद्र के दरवाजे हमेशा खुले हैं। मंत्रालय ने विश्वास व्यक्त किया कि लगातार संवाद निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम देगा।
केंद्र सरकार का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब लेह एपेक्स बाडी ने घोषणा की कि वह सामान्य स्थिति बहाल होने तक केंद्र के साथ बातचीत से दूर रहेगा। एलएबी ने कहा कि यदि सही कदम उठाए जाते हैं, तो वह छह अक्टूबर को होने वाली अगले दौर की बातचीत से पहले लौटने पर पुनर्विचार करेगा।
कितनी भर्ती प्रक्रिया हुई शुरू
गृह मंत्रालय ने कहा कि वह एलएबी और केडीए के साथ उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) या अन्य मंचों के माध्यम से चर्चा का स्वागत करता रहेगा। सरकार ने यह भी बताया कि लद्दाख में 1800 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।
हालांकि, 24 सितंबर को राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर एलएबी द्वारा आहूत बंद के दौरान लेह में व्यापक ¨हसक विरोध प्रदर्शन हुए। झड़पों में चार लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। आंदोलन के प्रमुख चेहरे सोनम वांगचुक को भी एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया।
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