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    गिग वर्कर्स के पेंशन प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा श्रम मंत्रालय, दो प्रतिशत अंशदान पर हामी

    Updated: Fri, 18 Apr 2025 08:29 PM (IST)

    केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने गिग वर्कर्स को पेंशन सुविधा देने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। एग्रीगेटर्स कंपनियों से प्रत्येक ट्रांजेक्शन का 2% अंशदान लिया जाएगा जिसे ईपीएफओ संचालित करेगा। लगभग एक करोड़ गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। प्रस्ताव जल्द कैबिनेट को भेजा जाएगा। कंपनियां सहमत हैं और गिग वर्कर्स को रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त या मासिक पेंशन का विकल्प मिलेगा।

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    गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए श्रम मंत्रालय की पेंशन योजना। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    संजय मिश्र, जागरण नई दिल्ली। गिग वर्कर्स को पेंशन सुविधा के दायरे में लाकर सामाजिक सुरक्षा कवच मुहैया कराने के प्रस्ताव को केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने लगभग अंतिम रूप दे दिया है। इसमें गिग वर्कर्स को पेंशन देने के लिए एग्रीगेटर्स कंपनियों से दो प्रतिशत अंशदान लेने का प्रस्ताव है।

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    विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, श्रम मंत्रालय ने एग्रीगेटर्स कंपनियों से हर ट्रांजेक्शन बिल का अधिकतम दो प्रतिशत गिग वर्कर्स की पेंशन के लिए देने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिस पर अधिकतर कंपनियों ने लगभग हामी भर दी है।

    श्रम मंत्रालय मंजूरी के लिए भेजेगा प्रस्ताव

    संकेत हैं कि श्रम मंत्रालय जल्द ही अपना प्रस्ताव कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजेगा। गिग वर्कर पारंपरिक नियोक्ता-कर्मचारी व्यवस्था के बाहर आजीविका कमाते हैं। इन्हें काम के बदले भुगतान के आधार पर रखा जाता है। ये लोग आमतौर पर मोबाइल एप के माध्यम से कैब चलाने या ऑनलाइन डिलिवरी जैसे काम करते हैं। देश में इस समय गिग वर्कर्स की संख्या करीब एक करोड़ है और पेंशन सुविधा शुरू होती है, तो इन सबको इसका लाभ मिलेगा। श्रम मंत्रालय ने गिग वर्कर्स पेंशन सुविधा के संचालन का जिम्मा भी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के हवाले करने का प्रस्ताव किया है।

    सूत्रों ने बताया कि फ्लिपकार्ट, अमेजन, उबर, ओला, स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट जैसी बड़ी एग्रीगेटर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कई दौर की बातचीत के बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन की दो प्रतिशत राशि गिग वर्कर्स पेंशन फंड में देने पर अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद ही श्रम मंत्रालय पेंशन प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी कर रही है।

    दो प्रतिशत पेंशन अंशदान ईपीएफ में जमा करने का प्रस्ताव

    मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रस्तावों का ब्योरा देने से तो इनकार कर दिया, मगर यह जरूर कहा कि यह प्रस्ताव गिग वर्कर्स और सर्विस प्रोवाइडर-एग्रीगेटर्स कंपनियां दोनों के लिए अच्छा है। इसीलिए कंपनियों ने बिलिंग अमांउट का दो प्रतिशत पेंशन अंशदान के तौर पर ईपीएफ में जमा कराने के प्रस्ताव का किसी तरह प्रतिरोध नहीं किया है।

    इसमें यह भी प्रस्ताव है कि चाहे गिग वर्कर्स एक से अधिक कितने भी एग्रीगेटर्स या सर्विस प्रोवाइडर के साथ काम कर रहे हों, उनका ईपीएफ अकाउंट नंबर एक ही होगा और हर बिल का अंशदान इसी खाते में जमा होगा। समझा जाता है कि गिग वर्कर्स के पेंशन प्रस्ताव में उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद दो विकल्प दिए जाएंगे। पहला पूरी नौकरी में जमा पेंशन राशि तथा इस पर अर्जित ब्याज सभी का एकमुश्त भुगतान लेना और दूसरा इस पूरी राशि के आधार पर हर महीने एक निश्चित रकम आमदनी के तौर पर किश्तों में लेना।

    लोकचुनाव में गिग वर्कर्स के मुद्दे आए थे सामने

    लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा की गंभीर चुनौतियों को उठाते हुए इसे प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। इससे पहले राजस्थान, तेलंगाना से लेकर कर्नाटक में गिग वर्कर्स के कठिन तथा जोखिम भरे काम के बीच सामाजिक सुरक्षा के अभाव को दूर करने के लिए कुछ शुरुआती कदम उठाने की घोषणाएं की गईं, जिनमें स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने जैसा प्रस्ताव शामिल था।

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025 के बजट में गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने के सरकार के इरादों की घोषणा की। इसके बाद गिग वर्कर्स का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही उन्हें एक आइडी कार्ड भी प्रदान किया जाएगा।

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