'वो आठ साल से जेल में ही तो है', कुलदीप सेंगर के पक्ष में बोले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस काटजू
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इस बीच, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज मा ...और पढ़ें
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कुलदीप सेंगर के पक्ष में बोले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस काटजू। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के रेप केस में पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर की उम्रकैद की सजा को समाप्त कर उन्हें बरी कर दिया गया था।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने उन्नाव रेप के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की ज़मानत का बचाव किया है। सुप्रीम कोर्ट के पूव जज काटजू के अनुसार, रेप के दोषी कुलदीप सेंगर ने पहले ही आठ साल से ज्याद जेल में बिताए हैं।
'सेंगर ने 8 साल जेल में बिताया'
पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज ने एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि सेंगर ने जेल में कोई समय नहीं बिताया है। उसने आठ साल से अधिक जेल में बिताए हैं। दूसरी बात, हाई कोर्ट का यह आदेश अंतरिम आदेश है; यह अंतिम फैसला नहीं है। मामला अभी भी पेंडिंग है।
वहीं, सरकारी कर्मचारी की खूबियों को संझाते हुए काटजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने माना है कि विधायक एक सरकारी कर्मचारी है। लेकिन हाई कोर्ट ने बताया है कि वह POCSO एक्ट के तहत सरकारी कर्मचारी नहीं है। POCSO एक्ट में सरकारी कर्मचारी शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन इसमें बताया गया है कि इस एक्ट में जो शब्द और वाक्यांश परिभाषित नहीं हैं, उनका वही मतलब होगा जो इंडियन पीनल कोड (IPC) में है। इसलिए, IPC में, उन लोगों की एक लिस्ट दी गई है जिन्हें सरकारी कर्मचारी माना जाता है। विधायक उनमें से एक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जब वह POCSO एक्ट में परिभाषित सरकारी कर्मचारी नहीं है, तो आप उसे उम्रकैद की सज़ा नहीं दे सकते।
काटजू ने इस बात पर भी जोर दिया कि सेंगर ने आठ साल से ज़्यादा जेल में बिताए हैं, काटजू ने सवाल किया कि आप जानते हैं, भारत में मामलों का फैसला होने में बहुत समय लगता है। मान लीजिए कि फैसला होने में और 10 साल लगते हैं और 10 साल बाद उसने 18 साल जेल में बिताए हैं और यह पाया जाता है कि ट्रायल कोर्ट का फैसला गलत था, तो उसके जीवन के 18 साल कौन वापस करेगा?
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि सेंगर को 2019 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप के लिए दोषी ठहराया गया था और उसे उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। उसे पिछले हफ्ते जमानत मिल गई थी। हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा क्योंकि उसे पीड़िता के पिता की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश का दोषी पाए जाने के बाद 10 साल की सजा भी साथ-साथ काटनी है।
रेप के दोषी को ज़मानत मिलने पर भारी गुस्सा भड़का, जिससे दिल्ली में पीड़िता की 'सुरक्षा' के लिए तैनात केंद्रीय बलों और उसके परिवार के सदस्यों के बीच झड़पें भी हुईं। पीड़िता की मां का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह चलती बस से कूदती हुई दिख रही थी, जिसके बाद बस उसकी बेटी को लेकर चली गई थी।

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