एस-400 की क्या है खासियत, जिसको रूस ने चीन को देने पर फिलहाल लगाई रोक
एस-400 मिसाइल सिस्टम का होना किसी देश की सीमाओं की सुरक्षा को काफी हद तक अभेद्य बना देता है। इसको तैनात करना और इसको कहीं भी ले जाना काफी आसान है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। रूस ने चीन को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल एस-400 की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाकर उसको जबरदस्त झटका दिया है। बीजिंग पर रूस में जासूसी का आरोप लगाने के बाद मास्को की तरफ से उठाया गया ये सबसे बड़ा कदम है। हालांकि चीन ने इस आपूर्ति को रोके जाने के बाद सफाई दी है और कहा है कि रूस नहीं चाहता है कि इससे चीन को कोई परेशानी हो। चीन की तरफ से ये भी कहा गया है कि इस मिसाइल सिस्टम की जानकारी लेने और इसको समझने के लिए विशेषज्ञों को रूस जाना पड़ता, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते ये काफी खतरनाक है। चीन ने इस मिसाइल सिस्टम के लिए रूस से 2014 में सौदा किया था।
आपको यहां पर बता दें कि पूरी दुनिया में इस मिसाइल सिस्टम की इच्छा रखने वालों में भारत भी शामिल है। भारत के साथ रूस की डील तय हो चुकी है और अब आपूर्ति होनी बाकी है। हालांकि चीन ने पिछले माह इसमें रोड़ा अटकाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन रूस ने उसकी मांग को ठुकरा कर साफ कर दिया था कि वह तय समय के अंदर इस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति भारत को कर देगा। रूस की सेना में इसे 2007 में शामिल किया गया था। रूस से सबसे पहले तुर्की को इसकी आपूर्ति की थी। रूस ने इसे सीरिया में भी तैनात किया हुआ है। इस मिसाइल सिस्टम की कई खूबियां हैं।

- इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्रोलर के नाम से जाना जाता है। रूस द्वारा विकसित यह मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल डिफेंस सिस्टम को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। एस-400 दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने में सक्षम है।
- इसके सेना में शामिल होने के बाद किसी भी देश की सीमाओं की सुरक्षा अधिक और हमले का खतरा कम हो जाता है। यह सिस्टम किसी भी संभावित हवाई हमले का पता पहले ही लगा लेता है।
- यह मिसाइल सिस्टम एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और यहां तक कि परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट कर सकता है।
- इसके तीन प्रमुख अंग हैं जिनमें मिसाइल लॉन्चर, राडार और कमांड सेंटर शामिल है।
- एस-400 मिसाइल सिस्टम अत्याधुनिक रडारों से लैस है। इसमें लगा हुआ अत्याधुनिक राडार 600 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को देख सकता है। सेटेलाइट से कनेक्ट रहने की वजह से जरूरी सिग्नल और जानकारियां तुरंत मिलती हैं।
- इसके अत्याधुनिक राडार दुश्मन का पता लगाते ही अपने कंट्रोल कमांड को सिग्नल भेजते हैं। इसमें टारगेट की दूरी, उसकी स्पीड समेत सभी जरूरी सूचनाएं शामिल होती हैं। इसके बाद कमांड कंट्रोल की तरफ से मिसाइल लॉन्च का आदेश दिया जाता है।
- इसके लॉन्चर से 48N6 सीरीज की मिसाइलें लॉन्च की जा सकती हैं। इसे अमेरिका के थाड (टर्मिनल हाई एल्टिट्यूड एरिया डिफेंस) सिस्टम से बेहतर माना जाता है।
- यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 लक्ष्यों पर निशाना लगा सकता है। इसे पांच मिनट के अंदर तैनात किया जा सकता है।
- इसकी कुछ बड़ी खासियतों में से एक इसको आसानी से ले जाना और तैनात करना भी है।
- इसमें चार अलग-अलग रेंज में अचूक निशाना साधने वाली मिसाइल हैं। इनमें 40N6E और 48N6 मिसाइल करीब 400 और 250 किमी की दूरी में निशाना लगा सकती है, जबकि 9M96E2 और 9M96E मिसाइल 120 और 40 किमी के दायरे में दुश्मन को ढेर कर सकती है।
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