Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत में युद्ध और शांति के समय अदम्‍य साहस दिखाने के लिए दिए जाते हैं अलग-अलग पदक

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sat, 15 Aug 2020 08:58 AM (IST)

    भारत में जवानों को युद्ध और शांति के दौरान दिखाई जाने वाली वीरता के लिए अलग अलग अवार्ड दिए जाते हैं। इनकी शुरुआत भारत के गणतंत्र बनने के साथ हुई थी।

    भारत में युद्ध और शांति के समय अदम्‍य साहस दिखाने के लिए दिए जाते हैं अलग-अलग पदक

    नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। भारत में जवानों को उनकी वीरता के लिए दिए जाने वाले सम्‍मानों में परम वीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र शामिल हैं। जवानों को दिए जाने वाले परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की शुरुआत भारत के गणतंत्र बनने के साथ हुई थी। हालांकि इन पुरस्कारों को 15 अगस्त 1947 से प्रभावी माना गया था। इसके बाद 4 जनवरी 1952 को अशोक चक्र कक्षा -1, अशोक चक्र कक्षा -2 और अशोक चक्र कक्षा -3 की शुरुआत हुई थी। जनवरी 1967 में इनका नाम बदलकर अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जवानों को दिए जाने वाले इन पदकों के लिए हर वर्ष दो बार सिफारिशें आमंत्रित की जाती हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले पदक के लिए अगस्त में नामों की सिफारिश की जाती हैं। ऐसे ही स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए जाने वाले पदक के लिए मार्च में सिफारिश भेजी जाती हैं। ये सिफारिशें सेना के विभिन्‍न कमांडरों द्वारा रक्षा मंत्रालय के तहत आगे जाती हैं और नामों को अंतिम रूप दिया जाता है।

    युद्ध क्षेत्र में वीरता के लिए दिए जाने वाले पदक

    परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च शौर्य पदक है जो युद्ध के दौरान दुश्मन से आमने सामने की लड़ाई में सर्वोच्‍च वीरता के लिए प्रदान किया जाता है। इसको अमेरिका के सर्वोच्‍च सम्मान तथा यूनाइटेड किंगडम के विक्टोरिया क्रॉस के बराबर का दर्जा हासिल है। परमवीर चक्र का डिजाइन सावित्री खानोलकर ने किया था और 1950 से अब तक इसके स्वरूप में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ये इत्‍तफाक ही है कि सावित्री के ही परिवार से आने वाले मेजर सोमनाथ शर्मा को ये पदक पहली बार मरणोपरांत दिया गया था। अब तक 21 जवानों को ये पदक दिया जा चुका है जिनमें से 14 को मरणोपरांत ये पदक दिया गया है। यह गोलाकार पदक कांस्य निर्मित है। इसका 1.38 इंच का व्यास है और अग्रभाग पर केंद्र में राज्य के प्रतीक के साथ इंद्र के वज्र की चार प्रतिकृतियां शामिल की गई हैं। इस पर दो कमल के फूलों के साथ हिन्दी और अंग्रेजी में परम वीर चक्र लिखा हुआ है। इसका फीता सादा बैंगनी रंग का होता है।

    महावीर चक्र को जमीन पर, समुद्र में या हवा में दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट बहादुरी के लिए दिया जाता है। ये जवानों को दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा सम्‍मान है। ये पदक चांदी से निर्मित है और इसके अग्रभाग पर पांच कोनों वाला उभरा हुआ तारा बनाया गया है। इसके कोने गोलाकार किनारों को छूते हैं। इस मेडल का व्यास 1.38 इंच का है इसके केंद्र भाग में राज्य का प्रतीक उत्कीर्ण है जो उभरा हुआ है। इस पर दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में महावीर चक्र लिखा गया है। इसका फीता आधा सफेद और आधा नारंगी रंग का होता है। 

    वीर चक्र को दुश्मन की उपस्थिति में उससे आमने सामने की जंग में साहस और वीरता का प्रदर्शन करने वाले जवानों को दिया जाता है।  भले ही यह जंग जमीन, समुद्र में या हवा में लड़ी गई हो। ये गोलाकार पदक स्‍टेंडर्ड सिल्वर से बना हुआ है। इसके अग्रभाग पर पांच कोनों वाला उभरा हुआ तारा उत्कीर्ण किया गया है जिसके कोने गोलाकार किनारों को छू रहे हैं । इसके केंद्र भाग में भारत का निशान बना हुआ है। इस पर बने दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में वीर चक्र लिखा गया है। इसका फीता आधा नीला रंग और आधा नारंगी रंग का है।

    शांति काल में वीरता के लिए दिए जाने वाले पदक 

    अशोक चक्र - शांति के समय में जवानों को दिया जाने वाला ये सबसे बड़ा सम्‍मान है। यह सम्मान सैनिकों के अलावा असैनिकों को भी उनकी असाधारण वीरता के लिए दिया जा सकता है। ये मेडल गोलाकार है ओर दोनों तरफ रिमों के साथ इसका व्‍यास 1.38 इंच का है। इसके अग्रभाग और इसके केंद्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण है और इसके चारों तरफ कमल-माला बनी हुई है। इसके दूसरे हिस्‍से में हिंदी और अंग्रेजी अशोक चक्र लिखा हुआ है। पहली बार ये पदक फ्लाइट लेफ्टिनेंट सुहास बिस्‍वास को दिया गया था। इसका फीता नारंगी और हरे रंग का है।

    कीर्ति चक्र- शांति के समय दिया जाने वाला यह वीरता का दूसरा पदक है। यह सम्मान सैनिकों के अलावा असैनिकों को भी उनकी असाधारण वीरता के लिए दिया जा सकता है। ये मेडल गोलाकार है और स्‍टेंडर्ड सिल्वर से निर्मित है। इसका व्‍यास 1.38 इंच का है । इस मेडल के अग्र भाग पर केंद्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण है जो कमल माला से घिरी हुई है। इसके दूसरे हिस्‍से में दो कमल के फूलों के साथ हिंदी और अंग्रेजी में कीर्ति चक्र लिखा गया है। इसका फीता पर हरे और पतली नारंगी रंग की लाइन है।

    शौर्य चक्र - शांति के समय सैनिकों की बहादुरी के लिए दिया जाने वाला ये तीसरा बड़ा पदक है। यह सम्मान सैनिकों के अलावा असैनिकों को भी उनकी असाधारण वीरता के लिए दिया जा सकता है। ये गोलाकार मेडल कांस्य निर्मित है जिसका व्‍यास 1.38 इंच का है। इस मेडल के अग्र भाग पर केंद्र में अशोक चक्र की प्रतिकृति उत्कीर्ण है जो कमल माला से घिरी हुई है। इसके पश्च भाग पर हिंदी और अंग्रेजी में शौर्य चक्र उत्कीर्ण है। इस पर कमल के दो फूल भी बने हैं। इसका फीता हरे रंग का है जिस पर पतली नारंगी रंग की दो लाइनें हैं।

    ये भी पढ़ें:- 

    मोरारजी देसाई हैं भारत के एकमात्र इंसान जिन्‍हें निशान ए पाकिस्‍तान के साथ मिल चुका है भारत रत्‍न भी

    जानें- इजरायल-यूएई करार का भारत-पाकिस्‍तान पर क्‍या होगा असर, एक्‍सपर्ट नहीं मानते शांति समझौता

    जानें- क्‍या है वेस्‍ट बैंक जिस पर यूएई से समझौते के बाद दावा छोड़ सकता है इजरायल, यूएस का अलग-अलग रहा है रुख