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    विजयन के हाथ में केरल की कमान रहेगी या जाएगी, फैसला आज; जानें उनकी राजनीतिक यात्रा समेत पूरी शख्सियत

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Sun, 02 May 2021 10:40 AM (IST)

    Pinarayi Vijayan Profile 2016 धर्मदाम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के मंबरम दिवाकरन को हराकर केरल के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए पिनाराई विजयन को वर्ष 2002 में सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो का सदस्य निर्वाचित किया गया था।

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    गरीबी से रहा करीबी नाता, स्कूल के बाद ही शुरू कर दिया था काम

    नई दिल्ली, एजेंसी। केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं। गरीबी से उनका काफी करीबी नाता रहा है। उनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। कन्नूर जिले के गरीब परिवार में 21 मार्च  1944 में जन्मे विजयन की स्कूली पढ़ाई पेरलास्सेरी हाई स्कूल में संपन्न हुई। इसके बाद ब्रेनन कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई की।

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    स्कूल की पढ़ाई खत्म करते ही उन्होंने हैंडलूम वर्कर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। वहां मजदूरों पर हो रहे अत्याचार व शोषण को बर्दाश्त नहीं कर पाए और तभी उनके लिए कुछ करने का मन में ठान लिया। इसके बाद ही काम छोड़ आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया। राज्य में पिनाराई विजयन के बारे में संभावना जताई जा रही है कि आज आने वाले नतीजों के बाद इस बार केरल का हर पांच साल में सत्ता बदलने वाला इतिहास बदल देंगे और केरल के दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे।

     ऐसा रहा राजनीति सफर  

     1964 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में औपचारिक रूप से शामिल होने से पहले छात्र संघों के माध्यम से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने 1986 में कन्नूर जिला सचिव चुने जाने से पहले, कन्नूर में जिला समिति और जिला सचिवालय के सदस्य होने सहित पार्टी में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। आखिरकार, वह 1998 में केरल राज्य सचिव बने। मुख्यमंत्री की कमान संभालने से पहले केरल राज्य में विद्युत मंत्री और सहकारी समिति समेत कई अहम विभागों में सेवा दी।   वर्ष 1998  वे केरल राज्य सचिव बने और 2015 तक इस पद पर बने रहे। उन्हें आपातकाल के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 

    2016 में हुई थी जीत 

    2016 धर्मदाम निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के मंबरम दिवाकरन को हराकर केरल के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए। इससे पहले वर्ष 2002 में सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य चुने गए। वहीं 1998 में वे केरल के CPI (M) के राज्य सचिव चुने गए। 1996 कांग्रेस के केएन कन्नोथ को हराकर पेनूर सीट से विधानसभा चुनाव जीत गए। 1996 केरल में विद्युत मंत्री और सहकारी समिति मंत्री के रूप में कार्य किया।