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    अदाणी से ट्विटर तक... ये हैं हिंडनबर्ग रिसर्च के 7 बड़े शिकार; अब क्यों बंद करेगी खुद का कारोबार?

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपना कामकाज बंद करने का एलान किया है। यह अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। पिछले कुछ सालों में इसने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। पिछले कुछ समय से भारत में हिंडनबर्ग की चर्चा खूब हुई। इस संस्था ने अदाणी समूह और सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ आरोप लगाए थे। यह कंपनी वित्तीय अनियमितताओं के खुलासे का दावा करती थी।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 16 Jan 2025 10:45 PM (IST)
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    अपना कामकाज बंद करेगी हिंडनबर्ग रिसर्च। ( फाइल फोटो )

    जागरण नई दिल्ली। अमेरिका की शार्ट सेलर कंपनी ¨हडनबर्ग रिसर्च अपना काम-काज बंद करने को लेकर चर्चा में है। कंपनी का गठन 2017 में हुआ था। 10 कर्मचारियों के साथ कंपनी ने पिछले सात वर्ष में सात बड़ी कंपनियों को शिकार बनाया है। आइये जानते हैं हिंडनबर्ग के सात बड़े शिकार के बारे में।

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    अदाणी समूह

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह को लगातार निशाना बनाया। कंपनी 2023 में समूह के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित करती रही और कारपोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया। अदाणी समूह को वित्तीय मोर्चे पर दबाव का सामना करना पड़ा और हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद समूह की मार्केट वैल्यू में अरबों डॉलर की बड़ी गिरावट आई थी। हालांकि बाद में अदाणी समूह ने शेयर बाजार में हुए ज्यादातर नुकसान की भरपाई कर ली।

    सेबी प्रमुख के खिलाफ आरोप

    (2023)पिछले वर्ष हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था। कंपनी ने दावा किया था कि उनकी विदेश स्थित ऐसी कंपनियों में हिस्सेदारी है जो गौतम अदाणी के लिए पैसों की हेराफेरी करती हैं। यह आरोप व्हिसल ब्लोअर और दूसरी जाचों द्वारा मुहैया कराए गए दस्तावेजों पर आधारित थे।

    निकोला कारपोरेशन

    हिंडनबर्ग 2020 में इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली कंपनी निकोला के पीछे पड़ गई थी। शार्ट सेलर कंपनी ने कहा कि निकोला ने अपनी तकनीक को लेकर निवेशकों से झूठ बोला है। हिंडनबर्ग के संस्थापक एंडरसन ने निकोला के एक वीडियो को चुनौती दी थी।

    इस वीडियो में दिखा गया था कि उसका इलेक्ट्रिक ट्रक तेज रफ्तार से जा रहा है, जबकि सच यह था कि ट्रक एक पहाड़ी से नीचे जा रहा था। इस मामले में एक यूएस ज्यूरी ने 2022 में निकोला के संस्थापक ट्रेवर मिल्टन को धोखाधड़ी का दोषी करार दिया था।

    इकान एंटरप्राइजेज एलपी मामला

    2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आय और राजस्व की रिपोटिंग को लेकर इकान एंटरप्राइजेज एलपी की आलोचना की थी। हिंडनबर्ग ने कंपनी पर अपनी हिस्सेदारी का अधिक मूल्यांकन करने और लाभांश का भुगतान करने के लिए पोंजी जैसे स्ट्रक्चर का सहारा लेने का आरोप लगाया था। इन आरोपों के बाद इकान एंटरप्राइजेज के शेयरों में बड़ी गिरावट आई और कंपनी की नेट वर्थ 2.9 अरब डॉलर कम हो गई थी।

    ब्लाक इंक के खिलाफ आरोप

    हिंडनबर्ग रिसर्च ने पेमेंट कंपनी ब्लाक इंक में 2023 में शार्ट पोजिशन का खुलासा किया और आरोप लगाया कि कंपनी ने यूजर्स की संख्या को बढ़ा चढ़ा कर और कस्टमर एक्विजिशन लागत को कम करके दिखाया है। हिंडनबर्ग के इन आरोपों को ब्लाक इंक के चुनौती के तौर पर देखा गया।

    ब्लाक इंक की स्थापना 2009 में जैक डोरसी ने क्रेडिट कार्ड इंडस्ट्री को झटका देने के लिए की थी। आठ प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जैक डोरसी कंपनी के सबसे बड़े शेयरधारक थे।

    ट्विटर

    2022 में हिंडनबर्ग ने ट्विटर इंक में पहले शार्ट और बाद में लांग पोजिशन ली। मई में हिंडनबर्ग ने कहा कि उसने शार्ट पोजिशन इसलिए ली क्योंकि उसका मानना है कि अगर एलन मस्क डील से हट जाते हैं तो ट्विटर को खरीदने के लिए उनका 44 अरब डॉलर का ऑफर कम हो जाएगा।

    जुलाई में एंडरसन ने एलन मस्क के खिलाफ दांव लगाते हुए लांग पोजिशन का खुलासा किया। हालांकि अक्टूबर में ट्विटर खरीदने की डील ओरिजनल कीमत पर ही हुई।

    जेएंडजे परचेजिंग पोंजी स्कीम

    हिंडनबर्ग ने जेएंडजे परचेजिंग के खिलाफ 2022 में जांच शुरू की। जेएंडजे परचेजिंग एक 400 मिलियन डॉलर की पोंजी स्कीम है। हिंडनबर्ग ने इसके लिए कंपनी के निगरानी वाले फुटेज हासिल किए। फुटेज से पता चला कि जेएंडजे की मार्केटिंग टीम के लोग लोगों को धोखाधड़ी वाली निवेश स्कीम में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इन आरोपों के बाद इस मामले में एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और स्कीम से जुड़े लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप तय किए। पोंजी स्कीम बंद हो गई।

    ऐसे पैसे कमाती थी हिंडनबर्ग रिसर्च

    नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की शुरुआत की थी। हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी है। शार्ट सेलिंग के जरिए कंपनी ने अरबों रुपये कमाए हैं। शार्ट सेलिंग एक इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर शेयर खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है। इससे उसे बड़ा मुनाफा होता है।

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