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Judges Appointed: SC, HC के जजों की नियुक्ति संविधान के तहत होती है, आरक्षण के तहत नहीं- केंद्रीय कानून मंत्री

केद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति देश के संविधान के अनुच्छेद 124 217 और 224 के तहत की जाती है जो किसी जाति या व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं करता है। File Photo

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Thu, 02 Feb 2023 10:13 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 12:37 AM (IST)
Judges Appointed: SC, HC के जजों की नियुक्ति संविधान के तहत होती है, आरक्षण के तहत नहीं- केंद्रीय कानून मंत्री
SC, HC के जजों की नियुक्ति संविधान के तहत होती है, आरक्षण के तहत नहीं- केंद्रीय कानून मंत्री

नई दिल्ली, एएनआई। केद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को संसद में कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों की नियुक्ति देश के संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 224 के तहत की जाती है, जो किसी जाति या व्यक्तियों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं करता है।

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा प्रावधान न होने के बाद भी सरकार हाई कोर्ट के न्यायाधीशों से अनुरोध करती है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं से संबंधित उपयुक्त उम्मीदवारों पर उचित विचार करें।

महिला जजों की नियुक्ति पर जोर

केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि 1108 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति के खिलाफ उच्च न्यायालयों में महिला न्यायाधीशों के प्रतिनिधित्व को सक्षम करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास जारी है और 31 जनवरी तक 775 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जिनमें से 106 महिला न्यायाधीश हैं, जो उच्च न्यायालयों, कानून और न्यायपालिका में कार्यरत शक्ति का 9.5 प्रतिशत महिला न्यायाधीश हैं।

जजों की नियुक्ति को लेकर सदन में बोले कानून मंत्री

संसद में सवालों का जवाब देते हुए, किरेन रिजिजू ने कहा कि जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति उच्च न्यायालयों और संबंधित राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती है।

बता दें कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने मलिक मजहर सुल्तान मामले में जनवरी 2007 में एक न्यायिक आदेश के माध्यम से निर्धारित किया कि अधीनस्थ अदालतों में न्यायाधीशों की भर्ती की प्रक्रिया एक कैलेंडर वर्ष के 31 मार्च को शुरू होगी और उसी वर्ष 31 अक्टूबर तक समाप्त होगी।

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