'हिंदुओं के कारण भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित', रिजिजू बोले- 'अगर मैं पाकिस्तान में होता...'
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित देश है क्योंकि हिंदू बहुसंख्यक हैं और वे सभी को पूर्ण स्वतंत्रता और सुरक्षा देते हैं। उन्होंने कांग्रेस समर्थित तंत्र पर अल्पसंख्यकों को लेकर गलत धारणा फैलाने का आरोप लगाया। रिजिजू ने तिब्बत म्यांमार और श्रीलंका से भारत आए शरणार्थियों का उदाहरण दिया।

पीटीआई, नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि हिंदू बहुसंख्यक होने के कारण ही सभी अल्पसंख्यक इस देश में पूर्ण स्वतंत्रता और सुरक्षा का आनंद ले रहे हैं। यह देश अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित है। मुझे ऐसा एक भी मामला नहीं मिला है जहां अल्पसंख्यक समुदाय का कोई सदस्य देश में किसी भी चीज से वंचित होने के कारण भारत से बाहर जाने को तैयार हो।
उन्होंने कहा कि अगर कोई यह कह रहा है कि वह देश में असुरक्षित है तो वह एक राष्ट्र के रूप में भारत के साथ सबसे बड़ा अन्याय कर रहा है। एक साक्षात्कार में रिजिजू ने कहा, 'कल्पना कीजिए कि अगर मैं पाकिस्तान में होता। कल्पना कीजिए कि अगर विभाजन के दौरान हमें बांग्लादेश का हिस्सा बना दिया जाता, तो आज हम शरणार्थी होते।'
कांग्रेस समर्थित तंत्र पर लगाया आरोप
रिजिजू ने कहा, 'आज, प्रत्येक आदिवासी समुदाय, प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय अपनी मातृभूमि में सुरक्षित है क्योंकि बहुसंख्यक हिंदू समुदाय चरित्र से धर्मनिरपेक्ष और स्वभाव से सहिष्णु है।' उन्होंने 'कांग्रेस पार्टी समर्थित वामपंथी तंत्र' पर लगातार यह अभियान चलाने का आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों को यातना दी जा रही है, उनकी मॉब-लिंचिंग की जा रही है और वे भारत में सुरक्षित नहीं हैं।'
उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें देश के लिए मददगार नहीं हैं। गौरतलब है कि मुख्तार अब्बास नकवी जब अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने कहा था कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है। उनके इस बयान के बारे में पूछे जाने पर रिजिजू ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां 'लोग कानून का पालन करते हैं, हम धर्मनिरपेक्ष हैं, हमारा एक संविधान है, और इसलिए, चाहे बहुसंख्यक हों या अल्पसंख्यक, कानून के सामने सभी समान हैं।'
तिब्बत, म्यांमार का दिया उदाहरण
- उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से यह कह सकता हूं कि जो कुछ बहुसंख्यक समुदाय को मिलता है, अल्पसंख्यक समुदायों को भी वही मिलता है, लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो अल्पसंख्यकों को मिलती हैं, लेकिन बहुसंख्यक समुदाय को नहीं मिलतीं।' उन्होंने कहा, 'यदि आप इतिहास को संक्षेप में देखें तो चीनी कब्जे के कारण तिब्बत में कुछ समस्याएं थीं और तिब्बती भारत आ गए।'
- रिजिजू ने कहा कि म्यांमार में आंदोलन और कुछ समस्याएं थीं और लोकतांत्रिक कार्यकर्ता भारत आ गए। श्रीलंका में कुछ समस्याएं थीं, श्रीलंकाई तमिल भारत आ गए। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ, वे सभी भारत आ गए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान से कई लोग भारत आए। वे सभी भारत में शरण लेना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें भारत के संविधान और भारत के लोगों पर भरोसा है। इसीलिए वे यहां आते हैं।
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