Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हमें भागने की आदत नहीं है...', अल्पसंख्यकों के मामले पर असदुद्दीन ओवैसी और किरेन रिजिजू के बीच जुबानी जंग

    Updated: Mon, 07 Jul 2025 07:13 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से ज़्यादा फ़ायदे मिलते हैं और वे ज़्यादा सुरक्षित हैं। ओवैसी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुसलमान भारत में रहना इसलिए चुनते हैं क्योंकि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं सुविधाओं के लिए नहीं।

    Hero Image
    अल्पसंख्यों के मामले को लेकर आपस में भिड़े ओवैसी और रिजिजू। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में अल्पसंख्यकों की हालत को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भिड़ गए। किरने रिजिजू का कहना है कि अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों की तुलना में ज्यादा फायदे मिलते हैं और वे ज्यादा सुरक्षित हैं। इसके अलावा उन्होंने ये भी दावा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग पड़ोसी देश में पलायन नहीं करते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की कल्याणकारी योजनाएं सभी के लिए हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की योजनाएं अल्पसंख्यकों को अतिरिक्त लाभ भी देती हैं।" इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत के मुसलमान भारत में रहना इसलिए नहीं चुनते कि उन्हें सुविधाएं मिल रही हैं बल्कि इसलिए चुनते हैं क्योंकि वो अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं।

    क्या कहा असदुद्दीन ओवैसी ने?

    उन्होंने कहा, 'हम भागते नहीं हैं... हम अपने अधिकारों के लिए लड़ते हैं। भारत की तुलना विफल देशों से न करें।' असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा, "अल्पसंख्यकों के खिलाफ मंत्री के मुताबिक, अगर हम (भारतीय मुसलमान) पलायन नहीं करते हैं तो इसका मतलब है कि हम खुश हैं। दरअसल, हमें पलायन करने की आदत नहीं है। हम अंग्रेजों से डकर भी नहीं भागे, हम बंटवारे के समय भी नहीं भागे और हम आगे भी नहीं भागेंगे... हमारा इतिहास इस बात का सबूत है कि हम न तो अपने उत्पीड़कों के साथ सहयोग करते हैं और न ही उनसे छिपते हैं। हम अपने अधिकारों के लिए लड़ना जानते हैं।"

    किरेन रिजिजू ने क्या कहा?

    उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत को आगे बढ़ाया है। उन्होंने दावा किया, "इससे ये सुनिश्चित हुआ है कि अल्पसंख्यक समुदाय भारत की विकास गाथा में सक्रिय और समान भागीदार है। हमें जो मुख्य बात समझनी है, वो ये है कि अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार से बहुसंख्यक समुदाय... यानी हिंदुओं की तुलना में ज्यादा पैसा और मदद मिल रही है।"

    ओवैसी ने जताई इस पर बात पर आपत्ति

    केंद्रीय मंत्री की इस टिप्पणी पर असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी आपत्ति जताई और इस बात पर नाराजगी जताई कि अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को मौलिक अधिकार के बजाय दान के रूप में देखा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ सवाल भी पूछे। उन्होंने कहा, "भारत के अल्पसंख्यक अब सेकेंड क्लास के नागरिक भी नहीं हैं। क्या हर दिन पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, जिहादी या रोहिंग्या कहलाना लाभ है। क्या भीड़ की ओर से मार दिए जाने से सुरक्षा मिलती है? क्या से सुरक्षा है कि भारतीयों को बांग्लादेश में धकेल दिया गया है?"

    उन्होंने आगे कहा, "क्या ये देखना सौभाग्य की बात है कि हमारे घरों, मस्जिदों और मजारों को अवैध रूप से ध्वस्त किया जा रहा है? सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से अदृश्य बना दिया जाना? क्या भारत के प्रधानमंत्री से नफरत भरे भाषणों का निशाना बनना कोई सम्मान की बात है?"

    ओवैसी ने कहा, "भारतीय मुसलमान एकमात्र ऐसा समूह है, जिसके बच्चे अब अपने माता-पिता या दादा-दादी से भी बदतर स्थिति में हैं। पीढ़ियों के बीच गतिशीलता उलट गई है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र सार्वजनिक अवसंरचना और बुनियादी सेवाओं से सबसे अधिक वंचित हैं।" इसके अलावा ओवैसी ने वक्फ कानून को लेकर भी सवाल किए।

    ये भी पढ़ें: '...तो वो भी अपनी नागरिकता खो देंगे', बिहार में SIR को लेकर क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी

    comedy show banner
    comedy show banner